अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड भारत जा रही हैं। राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (DNI) गबार्ड ने 10 मार्च को घोषणा की कि वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र की बहु-राष्ट्र यात्रा पर निकली हैं। इसमें भारत, जापान और थाईलैंड की यात्रा योजना में है।
X पर एक अपडेट साझा करते हुए गबार्ड ने कहा कि मैं हिंद-प्रशांत की बहु-राष्ट्र यात्रा पर हूं। एक ऐसा क्षेत्र जिसे मैं बहुत अच्छी तरह से जानती हूं क्योंकि मैं प्रशांत क्षेत्र में पली-बढ़ी हूं। मैं जापान, थाईलैंड और भारत जाऊंगी और वापस डीसी लौटते समय फ्रांस में एक संक्षिप्त ठहराव रहेगा। राष्ट्रपति ट्रम्प के शांति, स्वतंत्रता और समृद्धि के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए मजबूत संबंध, समझ और संचार की खुली रेखाएं बनाना महत्वपूर्ण है।
एशिया जाने से पहले गबार्ड यू.एस. इंडो-पैसिफिक कमांड (INDOPACOM) में खुफिया समुदाय के भागीदारों और नेताओं से मिलने के लिए होनोलुलु में रुकेंगी। वह प्रशिक्षण अभ्यास में भाग लेने वाले अमेरिकी सैनिकों से भी मिलेंगी जो क्षेत्रीय सुरक्षा और सहयोग पर वॉशिंगटन के फोकस पर जोर देगा।
राष्ट्रीय खुफिया निदेशक बनने के बाद तुलसी की यह पहली भारत यात्रा है। भारत हिंद-प्रशांत में एक प्रमुख भागीदार है लिहाजा आशा की जा रही है कि उनके विचार-विमर्श में प्रमुखता से शामिल होगा।
फरवरी में गबार्ड ने राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के साथ द्विपक्षीय वार्ता के लिए वॉशिंगटन यात्रा के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। वह वॉशिंगटन पहुंचने के तुरंत बाद 12 फरवरी को ब्लेयर हाउस में मोदी से मिलने वाली पहली अमेरिकी अधिकारी थीं।
अपनी बैठक के बाद मोदी ने X पर साझा किया: वॉशिंगटन डीसी में यूएसए की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से मुलाकात की। उनकी पुष्टि पर उन्हें बधाई दी। भारत-यूएसए मित्रता के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की, जिसकी वह हमेशा से प्रबल समर्थक रही हैं।
यह भी पढ़ें : पीएम मोदी की अमेरिकी खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से मुलाकात, कई मामलों पर चर्चा
गबार्ड को अक्सर उनके हिंदू धर्म के कारण भारतीय मूल का समझा जाता है। लेकिन उनका जन्म अमेरिकी समोआ के अमेरिकी क्षेत्र में हुआ था और उनका पालन-पोषण हवाई और फिलीपींस में हुआ। उनकी मां कैरोल पोर्टर गबार्ड एक बहुसांस्कृतिक परिवार में पली-बढ़ी थीं। उन्होंने हिंदू धर्म में रुचि विकसित की। सभी बच्चों को हिंदू नाम दिए गए। जैसे भक्ति, जय, आर्यन, तुलसी और वृंदावन।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login