अमेरिका में 27 साल के प्रणय कुमार मामिदी और 26 साल के किशन विनायक पटेल को एक मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में दोषी ठहराया गया है। इन दोनों पर ओहियो, मिशिगन, इलिनॉय और इंडियाना के लोगों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप है।अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय, उत्तरी ओहियो जिले ने 4 फरवरी को इस बारे में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी। इसमें इनके अपराध की पूरी जानकारी दी गई है।
छह दिन चले ट्रायल के बाद एक फेडरल ज्यूरी ने दोनों को दोषी पाया। दस्तावेजों के मुताबिक, ये दोनों एक ऐसे रैकेट में शामिल थे, जिसके जरिये धोखाधड़ी से कमाए गए पैसे दुनिया भर में भेजे जा रहे थे। कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, मई और नवंबर 2023 के बीच, मामिदी और पटेल एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के लिए मनी लॉन्ड्ररिंग का काम कर रहे थे। ये लोग बैंक के अफसर, फेडरल एजेंट या कंपनी के कर्मचारी बनकर लोगों को धोखा देते थे। ज्यादातर बुज़ुर्ग लोगों को कानूनी कार्रवाई का डर दिखाकर उनसे पैसे ऐंठते थे।
चुराए गए पैसे को सोने में बदल दिया जाता था। इसके बाद तय जगहों पर इकट्ठे किए जाते थे। फिर उन्हें दुनिया भर में भेजा जाता था। जांचकर्ताओं का अनुमान है कि इन दोनों ने करोड़ों डॉलर की हेराफेरी की है। अभी तक इनकी सजा तय नहीं हुई है। हर एक मामले में दोनों को 20 साल तक की जेल हो सकती है।
इसके अलावा छह अन्य आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। इनमें से ज्यादातर भारतीय नागरिक हैं और अपनी सजा का इंतजार कर रहे हैं। इनमें 26 साल के दिलीप कुमार सकिनेनी, 26 साल के बालाजी राकेश मुलपुरी, 22 साल के अवि जितेंद्रकुमार पटेल, 25 साल के साई ऋतिक थोडेटी, 31 साल के श्रीनिवास रवि वल्लुरु और 33 साल के हिरण जगदीशभाई पटेल (कोलंबस, ओहियो) शामिल हैं।
ये केस अमेरिकी अटॉर्नी के कार्यालय उत्तरी ओहियो जिले द्वारा चलाया जा रहा है। ये डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की एल्डर जस्टिस इनिशिएटिव का हिस्सा है, जो बुज़ुर्गों से धोखाधड़ी करने वाले लोगों के खिलाफ काम करती है। FBI-क्लीवलैंड फील्ड ऑफिस ने इस मामले की जांच की है। असिस्टेंट यूएस अटॉर्नीज रॉबर्ट मेलचिंग और डेक्सटर फिलिप्स इस केस की पैरवी कर रहे हैं।
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