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न्यू यॉर्क, न्यू जर्सी में गुरुद्वारों पर छापे से समुदाय आहत, सिख संगठनों ने जताया कड़ा विरोध

गैरकानूनी प्रवासियों की तलाश में अमेरिका के गुरुद्वारों में छापे मारने से सिख समुदाय में भारी रोष है। नॉर्थ अमेरिकन पंजाबी एसोसिएशन (NAPA) और सिख अमेरिकन लीगल डिफेंस एंड एजुकेशन फंड (SALDEF) ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है।

अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट (DHS) के गुरुद्वारों में छापों ने सिख समुदाय को आहत किया है / Courtesy Photo/Website- saldef.org

अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट (DHS) और इमीग्रेशन एंड कस्टम्स इनफोर्समेंट (ICE) के अफसरों के हालिया कार्रवाई से सिख समुदाय बहुत नाराज है। न्यू यॉर्क और न्यू जर्सी के गुरुद्वारों में इन अफसरों की रेड्स हुई हैं, जिसकी सिख समुदाय ने जबरदस्त निंदा की है। 27 जनवरी को DHS के अफसरों ने कई गुरुद्वारों में जाकर गैर-कानूनी तौर पर रह रहे इमिग्रेंट्स की तलाश की। कैलिफोर्निया के मिलपीटास में मौजूद नॉर्थ अमेरिकन पंजाबी असोसिएशन (NAPA) ने इस कार्रवाई को पूरी तरह से गलत बताया है।

NAPA के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर संतनाम सिंह चहल ने अपनी गहरी चिंता जाहिर करते हुए कहा, 'ये हरकतें बेहद परेशान करने वाली हैं और सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती हैं। गुरुद्वारे भगवान और समाज सेवा के पवित्र स्थान हैं, ना कि गैर-कानूनी प्रवासियों को छिपाने की जगह। इन जगहों पर छापे मारना उनकी पवित्रता को कम करता है। इसके साथ ही डर और अविश्वास का माहौल पैदा करता है।'

गुरुद्वारे सिर्फ उपासना करने की जगह ही नहीं हैं, बल्कि वो समाज के लिए बहुत जरूरी केंद्र भी हैं। वहां सबको, चाहे उनकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो, मुफ्त खाना (लंगर) और मदद मिलती है। ट्रम्प प्रशासन के गैर-कानूनी इमिग्रेंट्स की तलाश के निर्देश का सिख समुदाय ने जबरदस्त विरोध किया है, क्योंकि उन्हें ये अपने धर्म की पवित्रता के लिए खतरा लगता है। इसके जवाब में, NAPA ने ट्रम्प प्रशासन और DHS से आग्रह किया है कि वो भविष्य में गुरुद्वारों में इस तरह की कार्रवाई करने से परहेज करें।

चहल ने सिख समुदाय के महत्व पर जोर देते हुए कहा, 'सिख समुदाय अमेरिकी समाज का एक अहम हिस्सा है। यह समुदाय देश के आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विकास में काफी योगदान देता है। इस तरह की कार्रवाई से एक ऐसे समुदाय से दूरी बढ़ सकती है जो हमेशा से समावेशिता, कड़ी मेहनत और एकता के मूल्यों को मानता आया है।'

NAPA ने DHS से अपील की है कि वो एक अलग तरीका अपनाए जो धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान करे और समुदायों में विश्वास कायम करे। संस्था का सुझाव है कि पूजा स्थलों को निशाना बनाने के बजाय, आपसी समझ और सहयोग बढ़ाने के लिए सिख समुदाय के नेताओं से बातचीत की जाए। संतनाम ने एक कड़े बयान में कहा, 'अमेरिकियों के तौर पर, हमें धार्मिक स्वतंत्रता और सभी धर्मों के प्रति सम्मान के सिद्धांतों को कायम रखना चाहिए। हमें उम्मीद है कि प्रशासन इमिग्रेशन के प्रति अपने रवैये पर फिर से विचार करेगा और किसी भी धार्मिक समूह की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले कामों से बचेगा।'

वॉशिंगटन डीसी में स्थित सिख अमेरिकन लीगल डिफेंस एंड एजुकेशन फंड (SALDEF) की कार्यकारी निदेशक किरण कौर गिल ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, 'हम होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के संवेदनशील क्षेत्रों के लिए सुरक्षा को खत्म करने और फिर गुरुद्वारों जैसे पूजा स्थलों को निशाना बनाने के फैसले से बहुत परेशान हैं।' गिल ने कहा कि गुरुद्वारों को प्रवर्तन कार्रवाई के लिए लक्षित करना हमारे धर्म की पवित्रता को खतरे में डालता है। पूरे देश में प्रवासी समुदायों को एक डरावना संदेश भेजता है।

गिल ने कहा, 'हम सिख समुदाय के सदस्यों को सतर्क रहने और गुरुद्वारों में किसी भी DHS गतिविधि की SALDEF को रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।' गिल ने कहा, 'हम उन नीतियों की वकालत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो सभी समुदायों के नागरिक अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान करती हैं। हम DHS को इन मूल्यों के अनुरूप काम करने के लिए प्रेरित करते रहेंगे।'

 

 

 

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