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एआई रिसर्च के लिए अमेरिका-भारत की नई पहल, 17 प्रोजेक्टों के लिए 2 मिलियन डॉलर का अनुदान

यह पहल USISTEF की क्वांटम टेक्नोलॉजीज एंड एआई फॉर ट्रांसफॉर्मिंग लाइव्स अनुदान प्रतियोगिता का हिस्सा है। इससे 17 संयुक्त अनुसंधान, विकास एवं व्यावसायीकरण परियोजनाओं को निधि प्रदान की जाएगी।

यह घोषणा भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी और अमेरिकी विदेश विभाग के पदाधिकारी डॉ सेठ सेंटर की मौजूदगी में की गई। / X @USAmbIndia

अमेरिका और भारत ने टेक्नोलोजी में सहयोग को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और क्वांटम टेक में संयुक्त अनुसंधान के लिए 2 मिलियन डॉलर से अधिक के अनुदान की घोषणा की है।

यह घोषणा नई दिल्ली में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी और अमेरिकी विदेश विभाग में क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉज के कार्यवाहक विशेष दूत डॉ सेठ सेंटर ने भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह और विभाग के सचिव अभय करंदीकर की मौजूदगी में की। इस अवसर पर भारत के प्रधान विज्ञान सलाहकार अजय सूद और भारत-अमेरिका विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी फोरम (IUSSTF) के लीडर भी उपस्थित थे।



यह पहल USISTEF की क्वांटम टेक्नोलॉजीज एंड एआई फॉर ट्रांसफॉर्मिंग लाइव्स अनुदान प्रतियोगिता का हिस्सा है। इससे 17 संयुक्त अनुसंधान, विकास एवं व्यावसायीकरण परियोजनाओं को निधि प्रदान की जाएगी। इनमें से 11 प्रोजेक्ट एआई पर जबकि छह क्वांटम टेक पर केंद्रित होंगी। 

हर प्रोजेक्ट को 120,000 डॉलर का फंड मिलेगा। इसका उद्देश्य एआई की मदद से शुरुआत में ही कैंसर का पता लगाना, स्केलेबल क्वांटम कंप्यूटरों के लिए क्वांटम कंपोनेंट्स का विकास सहित महत्वपूर्ण सामाजिक चुनौतियों के समाधान के लिए एआई व क्वांटम टेक का लाभ उठाना है।

राजदूत गार्सेटी ने कहा कि भारत और अमेरिका की टेक्नोलोजी लोगों को जोड़ सकती है, उनकी रक्षा कर सकती है और भलाई की ताकत के रूप में इस्तेमाल की जा सकती है। मैं अक्सर कहता हूं कि इंडियन ड्रीम अमेरिकन ड्रीम का ही दूसरा पहलू है। एंडोमेंट फंड इनोवेटर्स को एक साथ ला रहा है। 

डॉ. सेठ सेंटर ने कहा कि अमेरिका और भारत के बीच साझेदारी इस और अन्य उभरती टेक्नोलोजी के भविष्य को आकार देने के लिए महत्वपूर्ण है इसलिए हम सामूहिक नवाचार में अग्रणी हैं। हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता के साथ इनका विकास और उपयोग हो।

दोनों देशों ने एडवांस मटीरियल और महत्वपूर्ण खनिजों में संयुक्त अनुसंधान पर केंद्रित IUSSTF अनुदान के लिए एक मिलियन डॉलर से अधिक के सहयोग की घोषणा की है। इस पहल का उद्देश्य दोनों देशों में विश्वविद्यालयों, राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं और निजी क्षेत्र के शोधकर्ताओं के बीच सहयोग को मजबूत बनाना है।

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