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न्यूयॉर्क में भारतीय कॉन्सुलेट और द इंडियन पैनोरमा ने वैसाखी का उत्सव हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया। भारतीय वाणिज्य दूतावास में आयोजित इस कार्यक्रम में 100 से अधिक मेहमान शामिल हुए।
भारतीय वाणिज्य दूत बिनय श्रीकांत प्रधान ने इसे वैसाखी की खुशियां और पंजाब की सांस्कृतिक विरासत को सम्मान देने वाला उत्सव बताया। उन्होंने सिख गुरुओं की शिक्षाओं पर प्रकाश डाला जिनमें करुणा, सेवा, समानता और सौहार्द की भावना प्रमुख थी। उन्होंने पंजाबी समुदाय की अहम भूमिका की भी सराहना की।
द इंडियन पैनोरामा के एडिटर और पब्लिशर प्रो. इंद्रजीत सिंह सलूजा ने कहा कि पहले वैसाखी को पंजाब में फसल की कटाई का पर्व माना जाता था लेकिन 1699 में गुरु गोबिंद सिंह जी ने इस दिन खालसा पंथ की स्थापना कर इसे सिखों के लिए एक पवित्र दिन बना दिया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता गुरचरणजीत सिंह लांबा ने खालसा की स्थापना और उसके ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित किया। अटॉर्नी रवि बत्रा ने स्वर्ण मंदिर को लेकर अपने अनुभव साझा किए और सिख गुरुओं के बलिदानों को नमन करते हुए उन्हें भारत का रक्षक बताया।
हिंदू समुदाय की तरफ से ALotusInTheMud.com के संस्थापक संपादक ने सिखों को वैसाखी की शुभकामनाएं दीं। मुस्लिम समुदाय की ओर से अहमद शाकिर और ईसाई समुदाय की तरफ से कोशी थॉमस ने अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम का संचालन आईटीवी गोल्ड की एंकर ज्योति कछरू ने किया। कौन्सल (कम्युनिटी अफेयर्स) प्रज्ञा सिंह ने कार्यक्रम की शुरुआत की। उपस्थित अतिथियों में न्यूयॉर्क स्टेट के असेंबलीमैन एड ब्रॉनस्टीन और नॉर्थ हेम्पस्टेड की टाउन क्लर्क रागिनी श्रीवास्तव भी प्रमुख थे।
कार्यक्रम की शुरुआत देह शिवा वर मोहे जैसे भावपूर्ण शब्दों से हुई और समापन जोशीले भांगड़ा से हुआ। हरेक कलाकार को शॉल देकर सम्मानित किया गया। वाणिज्य दूत की पत्नी मोनालिसा शुभदर्शिनी ने सभी का गर्मजोशी से अभिनंदन किया।
कार्यक्रम के अंत में स्वादिष्ट डिनर परोसा गया। वाणिज्य दूत प्रधान ने आयोजन के लिए द इंडियन पैनोरामा और प्रो. सलूजा का धन्यवाद किया और पिछले सप्ताह लॉन्ग आइलैंड में हुए होली उत्सव की भी सराहना की।
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