सीनेट इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष और अमेरिकी सीनेटर मार्क आर वार्नर (डी-वीए) ने वर्जीनिया से भारत के लिए अमेरिकी-विकसित टर्की उत्पादों की पहली खेप की घोषणा की है। यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है जिससे अमेरिकी पहुंच का विस्तार हुआ है। यह कदम वैश्विक बाजारों में तुर्की उत्पाद और अमेरिकी तुर्की उत्पादकों के लिए नए नई राहें खोलता है।
यह खेप हाल ही में हुए व्यापार समझौते और टैरिफ में कटौती के परिणामस्वरूप संभव हुई है जो भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका सरकार के बीच सहयोगात्मक प्रयास का नतीजा है। इसमें सीनेटर द्वारा संचालित मजबूत प्रयास भी शामिल हैं। पिछले साल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त राज्य अमेरिका यात्रा से पहले सीनेटर वार्नर के साथ उनके कई सहयोगियों ने राजदूत ताई से अमेरिकी टर्की और पोल्ट्री उत्पादों के लिए बाजार पहुंच बढ़ाने का आग्रह किया था। इन उत्पादों को पहले अत्यधिक उच्च टैरिफ दरों के कारण भारतीय बाजार में महत्वपूर्ण बाधाओं का सामना करना पड़ा था।
इस मौके पर सीनेटर वार्नर ने कहा कि यह खेप वर्जीनिया के पोल्ट्री उत्पादकों के लिए एक जबरदस्त अवसर है और अमेरिका-भारत व्यापार के लिए एक बड़ा कदम है। सीनेट इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष के रूप में मैं हमारे दोनों देशों के बीच चल रहे सहयोग और वर्जीनिया के पोल्ट्री उत्पादकों के लिए नए अवसरों के खुलने की आशा करता हूं।
नेशनल टर्की फेडरेशन के सीईओ लेस्ली ओडेन ने कहा कि हमारे अमेरिकी टर्की उत्पादक लंबे समय से दुनिया भर में सुरक्षित, पौष्टिक और बहुमुखी प्रोटीन विकल्प प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम भारतीय उपभोक्ताओं को अमेरिकी टर्की की असाधारण गुणवत्ता का अनुभव करते हुए देखकर उत्साहित हैं। यह पहली खेप अमेरिका-भारत व्यापार संबंधों की मजबूती का प्रमाण है और खाद्य विविधता तथा गुणवत्ता के विस्तार के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login