यूनेस्को की 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 10 लाख से अधिक शिक्षकों की भारी कमी है और देश भर में 19% शिक्षण पद खाली हैं। यह कमी विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में गंभीर है जहां 69% पद खाली हैं। शिक्षकों की यह कमी सीधे तौर पर शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित करती है। इससे सीखने में अंतराल पैदा होता है। ग्रामीण स्कूलों में अक्सर आवश्यक संसाधनों और प्रौद्योगिकी का अभाव होता है जिससे आधुनिक शिक्षण विधियों का कार्यान्वयन और भी सीमित हो जाता है।
इन हालात के मद्देनजर व्हील्स ग्लोबल फाउंडेशन ने मोइनी फाउंडेशन के साथ साझेदारी में 'स्कूल-इन-ए-बॉक्स' (SIB) पहल की है। यह संसाधनों के अंतर को पाटने के लिए पूरी तरह से डिजिटलीकृत शैक्षणिक सामग्री है। व्हील्स ने विमुक्ति गर्ल्स स्कूल, जयपुर को ऑफलाइन ई-लर्निंग मोड में 'स्कूल-इन-ए-बॉक्स' समाधान के साथ सक्षम करके इस पहल की शुरुआत की। विमुक्ति राजस्थान के तीन जिलों में पांच ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्र के स्कूलों में रणनीतिक अभियान का हिस्सा है। .
विमुक्ति गर्ल्स स्कूल व्हील्स पार्टनर एडू-गर्ल्स द्वारा समर्थित जयपुर की मलिन बस्तियों की वंचित लड़कियों पर ध्यान केंद्रित करने वाली एक अनूठी संस्था है। यहां बच्चियों के अशिक्षित रह जाने और उनकी जल्द शादी के लिए मजबूर होने का खतरा होता है। यह इस बात का ज्वलंत उदाहरण है कि कैसे इन लड़कियों को शिक्षा, जीवन कौशल और सही मानसिकता के साथ सशक्त बनाने से उनके जीवन की दिशा बदल सकती है।
विमुक्ति गर्ल्स स्कूल में संवाद और प्रशिक्षण सत्रों ने शिक्षकों और छात्रों दोनों को स्कूल-इन-द-बॉक्स नवाचार के नवीन शिक्षण उपकरणों से सफलतापूर्वक परिचित कराया। प्रतिभागियों को ऑफलाइन स्मार्ट नॉलेज सर्वर से परिचित कराना, ग्रेड 9 के छात्रों के लिए बेसलाइन टेस्ट आयोजित करना और रचनात्मक सोच को बढ़ावा देने के लिए टिंकरिंग और स्टोरी मेकिंग किट के साथ जुड़ना इसकी खासियतों में शामिल है।
स्थापना के कई महीनों बाद स्कूल में शिक्षकों और छात्रों की प्रतिक्रिया अत्यधिक सकारात्मक रही है। यह समाधान स्कूल में 290 से अधिक छात्रों की शिक्षा पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल रहा है। इंटरनेट के माध्यम से ओपन-सोर्स पुस्तकालयों से प्राप्त पूरक मॉड्यूल से उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक संसाधनों और इंटरैक्टिव पाठों की एक विशाल लाइब्रेरी तक पहुंच प्रदान करके इस कार्यक्रम ने इन युवा लड़कियों को अपने पारंपरिक पाठ्यक्रम से परे विषयों का पता लगाने के लिए सशक्त किया है। उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस और सर्वर का उपयोग करने की आसान नेविगेट प्रक्रिया छात्रों को स्वतंत्र रूप से प्रौद्योगिकी को संचालित करने, स्व-शिक्षा को बढ़ावा देने और शिक्षकों पर उनकी निर्भरता को कम करने में सक्षम बना रही है। यही नहीं, स्मार्ट टीवी से जुड़ने की क्षमता लड़कियों को अपनी पाठ्यक्रम सामग्री को एक साथ देखने और अध्ययन करने का अवसर देती है। इससे वे रचनात्मक बहस में संलग्न होती है जो सार्वजनिक संवाद-कौशल को जन्म देता है।
विमुक्ति गर्ल्स स्कूल की शिक्षिका कीर्ति शर्मा बतलाती हैं कि स्कूल-इन-ए-बॉक्स हमारी विमुक्ति लड़कियों के लिए अविश्वसनीय रूप से फायदेमंद रहा है। यह एक ही मंच पर विभिन्न प्रकार के डिजिटल एप्स तक पहुंच सुलभ कराता है। इसमें विज्ञान प्रयोग, विकिपीडिया, कोडिंग और बहुत कुछ शामिल है। लड़कियां अपने पसंदीदा क्विज अकादमी जैसे शैक्षिक उपकरणों का भी उपयोग कर रही हैं जो उन्हें इंटरैक्टिव क्विज के माध्यम से सामग्री की समीक्षा करने में मदद करता है। वे विशेष रूप से टाइपिंग ट्यूटर एप का आनंद लेती हैं जिससे उनकी टाइपिंग गति में काफी सुधार हुआ है। SIB सिर्फ एक उपकरण से कहीं अधिक है; यह विशाल ज्ञान का प्रवेश द्वार है।
यह नवोन्मेषी मॉडल शिक्षा की बड़ी बाधाओं जैसे लागत, पहुंच, भाषा, बाल सुरक्षा और छात्र-शिक्षक अनुपात को तोड़ रहा है। इससे यह सुनिश्चित हो रहा है कि प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और जीवन में उचित अवसर का अधिकार है। व्हील्स इस अग्रणी मॉडल को बढ़ावा देता है जिसमें भारत के 70% से अधिक स्कूलों का समर्थन करने की क्षमता है और जो लंबे समय से कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे हैं। इस दृष्टिकोण के साथ व्हील्स का लक्ष्य 2030 तक 3 मिलियन स्कूलों (200 मिलियन से अधिक छात्रों के साथ) में स्कूल-इन-ए-बॉक्स लाना है।
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