साल 2023 में कनाडा में भारतीय मूल की पहली निर्वाचित सांसद रूबी ढल्ला ने सोशल मीडिया पर ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ अपनी मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए लिखा था कि ऐतिहासिक क्षण का एक ऐतिहासिक पल, जो भारतीय डायस्पोरा की उन्नति का प्रतीक है। उन्हें शायद ही अंदाजा रहा होगा कि महज दो साल बाद वह खुद कनाडा के प्रधानमंत्री और लिबरल पार्टी के मुखिया पद की रेस में होंगी।
रूबी ढल्ला 2004 से 2011 तक ग्रेटर टोरंटो एरिया (जीटीए) में ब्रैम्पटन-स्प्रिंगडेल राइडिंग का प्रतिनिधित्व किया था। 2004 में 38वें हाउस ऑफ कॉमन्स में रूबी और नीना ग्रेवाल को हाउस ऑफ कॉमन्स में बैठने वाली भारतीय मूल की पहली महिला बनने का गौरव मिला था। रूबी ढल्ला ने लिबरल पार्टी जबकि नीना कंजरवेटिव पार्टी के टिकट पर जीत दर्ज की। संयोग रहा कि नीना और रूबी दोनों ने 39वें हाउस ऑफ कॉमन्स में भी अपनी सीटें कायम रखीं।
एक सांसद के रूप में रूबी जल्द ही युवाओं की पसंद बन गईं। मूल रूप से पंजाब की निवासी रूबी ढल्ला राजनीति में आने से पहले कायरोप्रैक्टर थीं। भाई नील की मौत के बाद उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव आया। लिबरल कॉकस के सदस्य के रूप में रूबी जब भी भारत खासकर पंजाब जातीं तो सुर्खियों में रहा करती थीं। उन्होंने प्रवासी भारतीय दिवस के शुरुआती आयोजनों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
अब जब वह कनाडा के पीएम पद की रेस में हैं तो उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू में जोर देकर कहा था कि वह लिबरल पार्टी प्रमुख की एकमात्र उम्मीदवार हैं जिनका जस्टिन ट्रूडो सरकार से कोई संबंध नहीं रहा है। पार्टी प्रमुख के रूप में पहला काम मैं यह सुनिश्चित करूंगी कि हम सेंटर की तरफ वापस आएं क्योंकि मुझे लगता है कि यह समय की जरूरत है। एक होटल व्यवसायी, परोपकारी और प्रेरक वक्ता रूबी ने कहा कि मैंने अपने दम पर कारोबार खड़ा किया है। इससे मुझे कई तरह के संघर्षों और बलिदानों की समझ मिली है जिसका सामना हमारे देश के व्यापारी और उद्यमी कर रहे हैं।
एक अन्य पोस्ट में उन्होंने होटल इंडस्ट्री में एंट्री को लेकर कहा था कि सबसे अच्छा सबक हमेशा ही जीवन और अनुभव होता है। सबसे अच्छा सबक आपको तब मिलता है, जब आप प्रतिकूल परिस्थितियों और त्रासदी का सामना करते हैं। उन्होंने कहा कि जब मेरा भाई गुजर गया और मेरी दुनिया ढह गई था, तब मुझे पता था कि मेरे पास केवल एक ही विकल्प है। रूबी ने कहा कि मुझे वहीं से शुरू करना है, जहां मेरे भाई ने छोड़ा था। कई लोगों ने सवाल उठाए कि क्या मैं वाकई ये काम कर पाऊंगी। मैंने सीखा कि जीवन में जोश, जुनून, दृढ़ संकल्प, दृढ़ता, धैर्य के जरिए कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
रूबी ढल्ला कनाडाई राजनीति से लंबा ब्रेक लेने के बाद के बाद क्या लिबरल पार्टी के प्रमुख के रेस में विजेता बनकर सामने आएंगी, ये लाख टके का सवाल भारतीय मूल का हर कनाडाई पूछ रहा है।
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