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अमेरिकियों में क्यों बढ़ रहा ट्रम्प का समर्थन, आशा जडेजा मोटवानी ने बताई वजह

आशा कहती हैं कि अमेरिका की तरक्की के लिए भारत, चीन और यूरोप आदि के टैलेंटेड युवाओं के योगदान की जरूरत है। 

आशा जडेजा मोटवानी सिलिकॉन वैली में ट्रम्प का सपोर्ट करने वाले पहले चुनिंदा प्रमुख लोगों में से एक हैं। / Image : indiaspora.org

अमेरिका इस वक्त बड़े बदलाव  से गुजर रहा है। ये बदलाव न सिर्फ राजनीतिक बल्कि सांस्कृतिक और वैचारिक स्तर पर भी हो रहे हैं। सिलिकॉन वैली में भारतीय-अमेरिकी वेंचर कैपिटलिस्ट आशा जडेजा मोटवानी बताती हैं कि विचारधारा में इस बदलाव की आखिर वजह क्या है। 

डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ लेने से पहले वाशिंगटन डीसी में एक इवेंट में आशा मोटवानी ने न्यू इंडिया अब्रॉड से विभिन्न मुद्दों पर बात की। इस इवेंट में न सिर्फ रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स बल्कि हर क्षेत्र के लोग शामिल हुए। सभी का एक ही उद्देश्य था- बदलाव के अवसर का साक्षी बनना। आशा मोटवानी इसे प्रगतिशील विकास की तरह देखती हैं।

आशा जडेजा मोटवानी सिलिकॉन वैली में ट्रम्प का सपोर्ट करने वाले पहले चुनिंदा प्रमुख लोगों में से एक हैं। वह पहले डेमोक्रेटिक पार्टी की कट्टर समर्थक हुआ करती थीं, लेकिन दो बातों ने उनके विचार बदल दिए। वह बताती हैं कि पहली बात राष्ट्रपति जो बाइडेन की सेहत और फैसले लेने की क्षमता से जुड़ी थी। 

आशा कहती हैं कि बाइडेन के अंदरूनी सूत्र हमें उनकी सेहत की सही जानकारी नहीं देते थे। बाइडेन आदेशों पर बिना सोचे-समझे दस्तखत कर रहे थे। इससे गंभीर सवाल उठते हैं। अगर राष्ट्रपति पारदर्शिता से काम नहीं कर सकते, ये नहीं बता सकते कि सरकार को आखिर चला कौन रहा था तो हम उन पर यकीन कैसे करते। 

दूसरी वजह बताते हुए आशा कहती हैं कि ट्रम्प पर जानलेवा हमले ने उन्हें रिपब्लिकन पार्टी के करीब ला दिया। ट्रम्प हमले में बाल-बाल बचे। उन्हें एलन मस्क जैसी हस्तियों से हाथ मिलाया। इसने हमें उम्मीद की नई किरण दिखाई और उनका सपोर्ट करने के लिए प्रेरित किया।  

आशा ने बताया कि ट्रम्प के टीम मेंबर्स से बातचीत के दौरान ही उन्हें महसूस हो गया था कि इमिग्रेशन कंट्रोल की मांग मुखर हो रही है। अपराधियों को डिपोर्ट करने और एच-1बी वीजा के कड़े नियमों की जरूरत जोर पकड़ रही है। हालांकि वह जोर देकर कहती हैं कि अमेरिका की तरक्की के लिए भारत, चीन और यूरोप आदि के टैलेंटेड युवाओं के योगदान की काफी जरूरत है। 

आशा मोटवानी कहती हैं कि अमेरिकी लोग पहचान की राजनीति और सांस्कृतिक विभाजन से थक चुके हैं। वे ऐसा सिस्टम चाहते हैं, जहां योग्यता की कद्र हो, नवाचार और उद्यमिता को प्राथमिकता मिले। उन्होंने कहा कि राजनीतिक हलकों में हाल के समय में जिस तरह की एकता देखी गई है, वह अमेरिकी राजनीति में एक आदर्श बदलाव का संकेत है।

आशा मोटवानी के मुताबिक, अमेरिकी समाज में सबसे महत्वपूर्ण बदलावों में से एक है- रूढ़िवादी राजनीति में युवाओं की बढ़ती भागीदारी। उनका कहना था कि कई युवा जो पहले वामपंथी झुकाव रखते थे, अब परिवार, आस्था और ईश्वर जैसे मूल्यों को अपना रहे हैं। संभव है कि यही हाल के वर्षों के सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक बदलाव की वजह हो। वह युवाओं खासकर महिला उद्यमियों में क्रिप्टो जैसे क्षेत्रों को लेकर आए नई उत्साह से भी प्रभावित हैं। 

आशा मोटवानी अमेरिका-भारत संबंधों में और मजबूती की समर्थक हैं। वह कहती हैं कि रक्षा, व्यापार को बढ़ाकर और क्वाड में सहभागिता बढ़ाकर हम चीन से मिल रही चुनौती को करारा जवाब दे सकते हैं। अमेरिका-भारत के संबंधों को लेकर उत्साहित मोटवानी ने भारत से इस अवसर का लाभ उठाने और संबंधों को प्रगाढ़ बनाने का आग्रह किया।

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