अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को पिछले बाइडन प्रशासन के उस निर्णय पर सवाल उठाया जिसमें भारत को मतदाता भागीदारी के लिए 21 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान की गई थी। ट्रम्प ने फ्लोरिडा स्थित अपने रिसॉर्ट पर मीडिया से बात करते हुए कहा, 'हम भारत को 21 मिलियन डॉलर क्यों दे रहे हैं? उनके पास तो पहले से ही बहुत पैसा है। हमारे हिसाब से वे दुनिया के सबसे ज्यादा टैक्स लगाने वाले देशों में से एक हैं। हम वहां मुश्किल से जा सकते हैं, क्योंकि उनके टैरिफ बहुत ज्यादा हैं।
ट्रंप (78) अपने विश्वासपात्र और टेस्ला के मालिक इलॉन मस्क के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे। मस्क को उन्होंने डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) का प्रमुख नियुक्त किया है। पिछले कुछ दिनों में DOGE ने USAID द्वारा अनापशनाप खर्च पर डेटा जारी किया है।
DOGE और मस्क की तरफ से जारी जानकारी के मुताबिक, USAID ने भारत में वोटिंग बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर दिए थे। आम तौर पर USAID गैर-लाभकारी संगठनों के जरिए पैसे देता है। ट्रम्प ने ये आंकड़े अपने हाथ में पकड़े एक कागज से पढ़कर सुनाए।
ट्रम्प ने अमेरिकी टैक्सपेयर्स के पैसे विदेश में इस्तेमाल करने पर हैरानी जाहिर की। ट्रम्प ने कहा, 'मुझे भारत के लिए बहुत सम्मान है। मुझे प्रधानमंत्री मोदी के लिए भी बहुत सम्मान है। जैसा कि आप जानते हैं, वो दो दिन पहले ही यहां से दौरा कर गए हैं। हम वोटिंग बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर दे रहे हैं। ये भारत में वोटिंग बढ़ाने के लिए है। यहां (अमेरिका में) वोटिंग बढ़ाने के लिए क्या हो रहा है?'
जेम्स एम लिंडसे ने दिसंबर 2024 में काउंसिल फॉर फॉरेन रिलेशंस में लिखा है, 'दुनिया का सबसे बड़ा और परिपक्व लोकतंत्र माना जाने वाले भारत में 2024 के आम चुनावों में 65.79% वोटिंग हुई थी। दूसरी तरफ, 2024 में अमेरिका में वोटिंग महज 63.9% रही। ये 2020 की 66.6% वोटिंग से भी कम है, जो 1900 के बाद से अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में सबसे ज्यादा थी। लिंडसे के मुताबिक, 1876 के चुनाव में सबसे अधिक 82.6 प्रतिशत वोटिंग हुई थी।
अपनी बातों में ट्रम्प ने USAID के और भी बेमतलब के खर्चों की लिस्ट भी पढ़ी। उन्होंने कहा, 'नेपाल में वित्तीय संघवाद के लिए 20 मिलियन डॉलर। नेपाल में जैव विविधता संरक्षण के लिए 19 मिलियन डॉलर। वोटर कॉन्फिडेंस के लिए 1.5 मिलियन डॉलर। ये सब धोखाधड़ी है। हम लाइबेरिया में उनको भरोसा देना चाहते हैं। माली में सामाजिक सामंजस्य के लिए 14 मिलियन डॉलर। दक्षिण अफ्रीका में समावेशी लोकतंत्र के लिए 2.5 मिलियन डॉलर।'
उन्होंने कहा, 'एशिया में बेहतर शिक्षा परिणामों के लिए 47 मिलियन डॉलर। एशिया बहुत अच्छा कर रहा है। वो हमारे स्कूलों से कहीं बेहतर कर रहे हैं। कोसोवो, अश्काली और मिस्र में हाशिये पर रहने वाले समुदायों के बीच सामाजिक-आर्थिक सामंजस्य बढ़ाने के लिए 2 मिलियन डॉलर।'
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