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येल यूनिवर्सिटी की छात्रा नैना अग्रवाल को 2025 का प्रतिष्ठित गेट्स कैम्ब्रिज स्कॉलरशिप 

नैना क्लाइमेट लिटिगेशन पर रिसर्च और दुनियाभर में काम कर चुकी हैं। उनका मकसद ग्लोबल नॉर्थ और साउथ के बीच क्लाइमेट चेंज की असमानताओं को दूर करना है। उनकी एकेडेमिक उपलब्धि और लीडरशिप क्वालिटी को येल यूनिवर्सिटी में काफी पहचाना गया है। भविष्य में वो लॉ स्कूल जाने और डॉक्टरेट करने की भी सोच रही हैं।

येल यूनिवर्सिटी की सीनियर छात्रा नैना अग्रवाल-हार्डिन / Yale News

येल यूनिवर्सिटी की सीनियर छात्रा नैना अग्रवाल-हार्डिन को 2025 के लिए गेट्स कैम्ब्रिज स्कॉलरशिप मिली है। अमेरिका से महज 35 लोगों को ये स्कॉलरशिप मिली है। नैना उनमें से एक हैं। यह कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में स्नातक अध्ययन के लिए पूरी ट्यूशन फीस कवर करने वाला एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है। वह एक अंतरराष्ट्रीय विद्वानों के समूह में शामिल होंगी, जिसमें अप्रैल में घोषित किए जाने वाले 65 अन्य विजेता शामिल हैं।

कैम्ब्रिज में नैना एंथ्रोपोसीन स्टडीज में मास्टर्स करने वाली हैं। ये एक बहुत ही इंटरेस्टिंग फील्ड है जो क्लाइमेट चेंज, हिस्ट्री और कानूनी मसलों सहित इन सबको जोड़ता है। 

नैना कहती हैं, 'येल में अपनी अंडरग्रेजुएट पढ़ाई के दौरान प्रोफेसर्स और रिसर्चर्स ने मुझे बहुत सपोर्ट किया है। मुझे लगता है ये सम्मान उन लोगों का भी है जिन्होंने मुझे क्लाइमेट चेंज से जुड़े कानूनी मामलों से परिचय कराया। जिन्होंने मुझे ऐतिहासिक रिसर्च करना सिखाया। जिन्होंने मुझे ये समझाया कि कैसे एकेडेमिक्स सोशल मूवमेंट्स में अपना रोल निभा सकते हैं।'

अपने क्लाइमेट लिटिगेशन के रिसर्च के लिए नैना दुनियाभर घूम चुकी हैं। 2023 में, उन्होंने येल लॉ स्कूल के लिमन अंडरग्रेजुएट समर फेलोशिप के जरिए NYU लॉ स्कूल और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में रिसर्च किया। इसके बाद वो मालदीव गईं ताकि वहां क्लाइमेट लिटिगेशन के एनवायर्नमेंटल एडवोकेसी में रोल को समझ सकें। येल के जैक्सन स्कूल ऑफ ग्लोबल अफेयर्स के ब्रैडी-जॉनसन प्रोग्राम इन ग्रैंड स्ट्रेटेजी ने उन्हें इस काम में मदद की। 

यह भी पढ़ें : जयदेन दोशी ने 2500 डॉलर की स्कॉलरशिप के लिए फाइनलिस्ट में जगह बनाई

मालदीव में बिताए वक्त ने उनकी ट्रांसनैशनल क्लाइमेट लिटिगेशन में दिलचस्पी और बढ़ा दी, जिसकी वजह से उन्होंने कैम्ब्रिज में आगे की पढ़ाई करने का फैसला किया। एंथ्रोपोसीन स्टडीज प्रोग्राम का मल्टी-डिसिप्लिनरी (कई क्षेत्रों से जुड़ा हुआ) नेचर है। यह जियोग्राफी डिपार्टमेंट में है। इससे उन्हें इतिहास से आगे बढ़कर अपने एकेडेमिक क्षेत्र को और बड़ा करने में मदद मिलेगी। 

नैना का कहना है, 'मेरा रिसर्च क्लाइमेट चेंज की भविष्यवाणियों के इतिहास पर केंद्रित है। खासकर भौगोलिक रूप से अलग-अलग क्लाइमेट चेंज के असर की भविष्यवाणियों पर। मैं ये जानना चाहती हूं कि किस हद तक फॉसिल फ्यूल कंपनियां, आम जनता और पॉलिसी मेकर्स को न सिर्फ ये पता था कि क्लाइमेट चेंज एक असली खतरा है, बल्कि ये भी पता था कि इसका असर अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग और अन्यायपूर्ण होगा।'

2000 में बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के 210 मिलियन डॉलर के दान से शुरू हुआ गेट्स कैम्ब्रिज स्कॉलरशिप अब तक 112 देशों के 2200 से ज्यादा स्कॉलर्स को सहायता दे चुका है। गेट्स कैम्ब्रिज ट्रस्ट की प्रोवोस्ट ऐलिस फेरान कहती हैं, 'मुझे 25वीं वर्षगांठ के मौके पर अमेरिकी स्कॉलर्स के नाम ऐलान करते हुए बहुत खुशी हो रही है। शुरुआत से ही, गेट्स कैम्ब्रिज ने उन छात्रों को चुना है जिन्होंने शानदार एकेडेमिक अचीवमेंट दिखाया है और दुनिया को बेहतर बनाने की उनकी जिद है।'

येल में नैना की एकेडेमिक एक्सीलेंस और लीडरशिप को काफी पहचाना गया है। मैकमिलन सेंटर फॉर इंटरनेशनल एंड एरिया स्टडीज के डायरेक्टर सुनील अमृत उन्हें अपने सबसे बेहतरीन छात्रों में से एक बताते हैं। अमृत कहते हैं, 'अपने 21 साल के टीचिंग करियर में मैंने शायद ही कभी नैना जितनी काबिल स्टूडेंट देखा है। उनमें बेहतरीन एकेडेमिक काबिलियत के साथ-साथ एक दुर्लभ लीडरशिप क्वालिटी भी है।'

पढ़ाई के अलावा, नैना एनवायर्नमेंटल और सोशल जस्टिस से जुड़े स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन्स में लीडरशिप रोल निभा चुकी हैं। अमृत ने उनकी ये काबिलियत भी नोट की कि वो अलग-अलग विचारों को बहुत संवेदनशीलता से समझती हैं। वह आगे कहते हैं, 'इतनी टैलेंटेड होने के बावजूद नैना बहुत डाउन-टू-अर्थ, नम्र, दूसरों के प्रति संवेदनशील और हमेशा दयालु रहती हैं। आने वाले सालों में उनका व्यक्तित्व उनकी स्कॉलरशिप और लीडरशिप के असर को और भी बढ़ाएगा।'

आगे चलकर नैना लॉ स्कूल जाने की योजना बना रही हैं और लॉ डिग्री के साथ-साथ डॉक्टरेट करने पर भी विचार कर रही हैं। उनकी उम्मीद है कि वो ऐसे समाधानों पर काम करेंगी जो ट्रांसनैशनल जस्टिस और ग्लोबल नॉर्थ और ग्लोबल साउथ के बीच क्लाइमेट चेंज की असमानताओं को दूर करने में मदद करें। वो कहती हैं, 'यूके में जियोग्राफी हमेशा से ही एक मजबूत क्षेत्र रहा है। यही एक बड़ी वजह है कि मुझे वहां पढ़ाई करने में इतना उत्साह है। मुझे लगता है कि ये मेरी इतिहास की पढ़ाई के साथ बहुत अच्छा तालमेल बिठाएगा।'

 

 

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