कहते हैं कि बिन प्रभु इच्छा कुछ न होय। ये वाक्य मथुरा के वृंदावन में कृष्ण भक्ति में डूबे अमित सिंह पर बिल्कुल सटीक बैठती है। अब इन्हें लोग इंजीनियर बाबा या भक्त वेदांत दामोदर के नाम से जानते हैं। लोकल 18 से बातचीत में अमित सिंह ने कहा कि उनके दिन की शुरुआत राधे-राधे बोलकर होती है। वृंदावन में रहकर वो युवाओं को सनातन धर्म के लिए प्रेरित करते हैं। वह मथुरा ही नहीं बल्कि कॉलेज, विवि और स्कूलों में जाकर सनातन का प्रचार कर रहे हैं। वो छात्रों को बताते हैं कि धर्म का पतन कैसे रोका जाए।
अमित सिंह ने बताया कि 2010 से 2015 तक उनकी जिंदगी में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिले। उन्होंने कहा, मैं तीन साल के वीजा पर पोलैंड नौकरी के लिए गया। वहां मुझे ढाई लाख रुपए महीना मिलता था, लेकिन तमाम सुख सुविधाओं के बावजूद तीन महीने में ही मन विचलित होने लगा। ध्यान कृष्ण की तरफ खींचा जा रहा था। इसलिए मैं सबकुछ छोड़कर वृंदावन आ गया। अब मैं कृष्ण नाम ही गाता हूं और इसमें मुझे काफी मजा भी आता है।
अमित बताते हैं कि आनंद की दूसरी परिभाषा कृष्ण है। कृष्ण जहां व्याप्त हैं, जहां विराजमान है. वहीं, आनंद की प्राप्ति होती है। वो कहते हैं कि उन्हें पौलेंड में लाखों की सैलरी छोड़ने का बिल्कुल भी अफसोस नहीं है और वो यहां राधा-कृष्ण के चरणों में रहकर काफी आनंदित हैं। भगवान की भक्ति के साथ-साथ वो स्कूल कॉलेज और यूनिवर्सिटी में जाकर सनातन धर्म का प्रचार प्रसार भी करते हैं।
अमित अपने बारे में बताते हैं कि प्राइमरी शिक्षा लखनऊ से हुई। 2004 में हाई स्कूल किया और 2006 में इंटरमीडिएट। 2006 से 2010 तक इंजीनियर की पढ़ाई की।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login