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नफरती अपराधों पर लगेगी लगाम, 240 संगठनों के गठबंधन को मिला HAF का साथ

लीडरशिप कॉन्फ्रेंस में सिख कोएलिशन, एशियन अमेरिकन्स एडवांसिंग जस्टिस, सिख अमेरिकन लीगल डिफेंस एंड एजुकेशन फंड, सेंटर फॉर सिक्योरिटी, रेस एंड राइट्स जैसे तमाम संगठन शामिल हैं और नागरिक एवं मानवाधिकारों को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। 

'हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन हिंदू अमेरिकी समुदाय का प्रमुख पैरोकारी संगठन है। /

हिंदू अमेरिकी समुदाय का प्रमुख पैरोकारी संगठन 'हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (HAF) द लीडरशिप कॉन्फ्रेंस ऑन सिविल एंड ह्यूमन राइट्स में शामिल हो गया है। यह अमेरिका में नागरिक एवं मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने के लिए समर्पित 240 से अधिक राष्ट्रीय संगठनों का गठबंधन है।

हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन और 32 अन्य संगठनों ने अपनी हेट क्राइम टास्क फोर्स के जरिए इम्प्रूविंग रिपोर्टिंग टु प्रिवेंट हेट एक्ट (IRPHA) के समर्थन में पत्र लिखा है। इस हेट क्राइम टास्क फोर्स में कई नागरिक अधिकार, समुदायिक, धार्मिक और शैक्षिक समूह शामिल हैं, जो घृणा अपराधों को रोकने के लिए मिलकर काम करते हैं। 

13 मार्च को पेश इस द्विदलीय IRPHA बिल का उद्देश्य नफरती अपराधों की सूचनाएं जुटाना और डेटा संग्रह को बढ़ावा देना है, जो कि पूर्वाग्रह से प्रेरित ऐसे अपराधों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए महत्वपूर्ण है।

गठबंधन ने पत्र में कहा है कि एफबीआई का घृणा अपराध सांख्यिकी अधिनियम (एचसीएसए) पिछले 30 वर्षों से अमेरिका में नफरती हिंसा रोकने की दिशा में मदद कर रहा है। चूंकि घृणा अपराधों की सूचना देना स्वैच्छिक है इसलिए एफबीआई को फेडरल, राज्य, स्थानीय और आदिवासी पुलिस एजेंसियों से पूरा डाटा नहीं मिल पाता।

IRPHA एक्ट में प्रावधान है कि एक लाख से अधिक आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाली स्थानीय सरकारों को अब एफबीआई के यूनिफॉर्म क्राइम रिपोर्टिंग प्रोग्राम को घृणा अपराधों से संबंधित विश्वसनीय जानकारी देनी होगी। ऐसा न करने पर उन्हें 1968 के ओमनीबस क्राइम कंट्रोल एंड सेफ स्ट्रीट एक्ट के तहत फंडिंग नहीम मिलेगी।

इतना ही नहीं, जो एजेंसियां सामुदायिक घृणा अपराधों की रोकथाम के लिए सार्वजनिक शिक्षा एवं जागरूकता अभियान चलाएंगी, उन्हें भी इस संघीय वित्त पोषण योजना के तहत फंड मिल सकेगा। 

 



एचएएफ ने एक्स पर पोस्ट में कहा है कि घृणा अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है, इसके बावजूद इनकी सूचना नहीं मिल पा रही है। इसकी वजह त्रुटिपूर्ण डेटा संग्रह है। इसमें बदलाव की जरूरत है। इसे देखते हुए एचएएफ ने IRPHA एक्ट का सपोर्ट करने के लिए @civilrightsorg से हाथ मिलाया है। यह घृणा अपराधों की सटीक सूचना उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। अब समय है कि कांग्रेस इस पर कार्रवाई करे। लोगों की जिंदगियां दांव पर हैं। 
 
बता दें कि लीडरशिप कॉन्फ्रेंस में सिख कोएलिशन, एशियन अमेरिकन्स एडवांसिंग जस्टिस, सिख अमेरिकन लीगल डिफेंस एंड एजुकेशन फंड, सेंटर फॉर सिक्योरिटी, रेस एंड राइट्स जैसे तमाम संगठन शामिल हैं और नागरिक एवं मानवाधिकारों को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। 
 

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