वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ... सुबह के 7 बजे हैं। इस वर्ष के हिंदू विरासत युवा शिविर (वरिष्ठ सत्र) के 160 शिविरार्थी इस खुली-चमकदार सुबह एक शाखा के दौरान श्रद्धापूर्वक प्रथा स्मरण का पाठ कर रहे हैं। प्रथम वर्ष के परामर्शदाता शान पारेख कहते हैं कि सूर्य नमस्कार के दौरान सभी के एक साथ आने से सुबह की ताजा शुरुआत वास्तव में एक अद्भुत दिन की शुरुआत करने का सबसे अच्छा तरीका है।
इस वर्ष HHYC (हिंदू हेरिटेज यूथ कैंप) की 1984 में पहली बार स्थापना के बाद से इसकी सफल यात्रा की 40वीं वर्षगांठ है। हर साल ह्यूस्टन क्षेत्र के युवा HHYC के लिए एक साथ आते हैं। यह चौथी से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए एक ग्रीष्मकालीन शिविर है। शिविरार्थियों और परामर्शदाताओं द्वारा अक्सर इसे 'वर्ष के सबसे अच्छे पांच दिन' के रूप में उद्धृत किया जाता है।
पिछले 4 वर्षों से HHYC को हर साल शिविर स्थलों की जगह बदलनी पड़ती थी मगर इस साल HHYC को अपनी 40वीं वर्षगांठ पर कोलंबस, टेक्सस में अपने स्थायी ठिकाने द टेक्सस हिंदू कैंपसाइट में उद्घाटन वर्ष के रूप में राहत मिली है। टेक्सस हिंदू कैंपसाइट (THC) के उद्घाटन के साथ HHYC के पास अब आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी कैंप अनुभव का अवसर है।
यह न केवल शिविर के अनुभव हैं जो परामर्शदाताओं और शिविरार्थियों को हर साल इसके लिए वापस लाते हैं, बल्कि यह एक हमेशा बनी रहने वाली मित्रता है जो वे अपने समुदाय के लोगों के साथ विकसित करते हैं। ह्यूस्टन विश्वविद्यालय में चौथे वर्ष के परामर्शदाता और वरिष्ठ वित्त छात्र अमन पटेल कहते हैं कि इन 5 दिनों में हम जो समय बिताते हैं वह जीवन बदल देता है...और यह वह समय है जिसकी यादें लंबे समय तक बनी रहती हैँ।
HHYC का उद्देश्य हिंदू युवाओं को एक साथ लाकर उन्हे अपने धर्म की समृद्धि और इससे जुड़े लोक व्यवहार के बारे में जानकारी देना है। एक उद्देश्य समानधर्मी लोगों के साथ मित्रता कायम करना भी है ताकि वह जीवन में मददगार बने। यह एक तरह की सहायता प्रणाली है जिसे शिविर परामर्शदाताओं और साथी शिविरार्थियों के साथ समान रूप से विकसित किया जाता है। कैंप करने वाले युवा परस्पर संबंध विकसित करते हैं और खुद को साझा हिंदू-अमेरिकी पहचान के साथ जुड़ा पाते हैं।
शिविर में दिन की शुरुआत परामर्शदाता और शिविरार्थी सूर्य नमस्कार करने के लिए बास्केटबॉल कोर्ट में एकत्रित होने से करते हैं। जैसे-जैसे दिन चढ़ता है परामर्शदाता योग, व्यायाम और मनोरंजक खेलों का आयोजन करते हैं। शाम को भजन संध्या जैसा माहौल रहता है। यहां फिर सब लोग साथ होते हैं। शिविर के दिनों में डॉजबॉल, गरबा, टैलेंट शो या होली-दिवाली जैसी उत्सव गतिविधियों का आयोजन होता रहता है।
(ऋत्विक एडुपुगंती ऑस्टिन, टेक्सस विश्वविद्यालय में एक उभरते हुए वरिष्ठ हैं)
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login