कैलिफोर्निया के बे एरिया में कई हिंदूवादी संगठनों ने सड़कों पर उतरकर कनाडा और बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का विरोध करते हुए समर्थन का प्रदर्शन किया।
मिलपिटास सिटी हॉल के बाहर इस रैली का आयोजन बे एरिया के कई हिंदू संगठनों द्वारा किया गया था जिनमें अमेरिकन हिंदू कोएलिशन, श्री कृष्ण बलराम मंदिर, उत्तरी अमेरिका बांग्लादेशी पूजा समिति और उत्तरी अमेरिका में हिंदू गठबंधन (CoHNA) प्रमुख थे। रैली में 150 से अधिक अमेरिकी-हिंदुओं ने हिस्सा लिया।
समुदाय के प्रमुख नेताओं ने सभा को संबोधित करते हुए अमेरिका के नेताओं से कनाडा और बांग्लादेश में हिंदुओं के मानवाधिकार उल्लंघनों की निंदा करने और वहां हिंदू समुदायों की सुरक्षा के लिए संबंधित सरकारों पर दवाब डालने का आग्रह किया।
रैली में शामिल एक प्रतिभागी ने कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हाल ही में हुई हिंसा की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि हमने खालिस्तानियों को मंदिर परिसर में घुसते हुए और पुरुषों, महिलाओं व बच्चों को पीटने के वीडियो देखे। खालिस्तानी समर्थकों के अलावा पुलिस ने भी हिंदू भक्तों पर हमला किया। इसकी जितनी निंदा की जाए, कम है।
उन्होंने कहा कि कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार ने अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर चरमपंथियों को खुली छूट दे दी है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अब हिंसा की स्वतंत्रता बन गई है। हमें ट्रूडो सरकार पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं रह गया है।
'अमेरिकन्स फॉर हिंदूज' के डॉ. जपरा ने कनाडा में खालिस्तानियों और बांग्लादेश में इस्लामी चरमपंथियों द्वारा हिंदुओं को निशाना बनाए जाने की घटनाओं की निंदा करते हुए कहा कि हम एक विश्व, एक परिवार, एक भविष्य हैं।
फ्रेमोंट निवासी राज ने कहा कि कनाडा की सड़कों पर खालिस्तानी खुलेआम तलवारें लहरा रहे हैं लेकिन ट्रूडो अराजकता फैलाने के लिए विदेशी ताकतों को दोषी ठहराकर रही है। उनका कहना था कि जब एक जोकर राजा बन जाता है तो उसका दरबार सर्कस से ज्यादा नहीं होता।
कोएलिशन ऑफ हिंदूज इन नॉर्थ अमेरिका (कोहना) की पुष्पिता प्रसाद ने हिंदुओं के सामने मौजूद खतरों को लेकर आगाह किया। उन्होंने कहा कि कनाडा में हमारी टीम को सिख फॉर जस्टिस द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। यह भारत में प्रतिबंधित समूह है लेकिन कनाडा में खुलेआम काम करता है।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं का धीमे-धीमे नरसंहार हो रहा है। यहां तक कि कैलिफोर्निया में भी पिछले दो वर्षों में छह मंदिरों पर हमला किया जा चुका है। उन्होंने अधिकारियों का आह्वान किया कि वे हिंदूफोबिया की समस्या का समाधान करें और हिंदू समुदायों की रक्षा करें।
सैन रेमन की पूर्णिमा ने अमेरिका के नेताओं से इस मामले में कार्रवाई का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हम अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों से इस हिंसा को रोकने और कनाडा तथा बांग्लादेश में कानून का शासन कायम करने के लिए प्रयास करने की अपील करते हैं। हम शांति और सम्मान से जीवन जीने के अधिकार का मुद्दा उठाते रहेंगे।
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