कैलिफोर्निया के माथेर में एक हिंदू मंदिर को अपमानजनक शब्दों से 'कलंकित' करने की खबर है। घटना 25 सितंबर की सुबह की बताई जा रही है। एक संभावित घृणा अपराध के रूप में इस घटना की जांच की जांच रही है। सैक्रामेंटो काउंटी शेरिफ कार्यालय ने आर्मस्ट्रांग एवेन्यू पर स्वामीनारायण मंदिर में हुई इस घटना की खबर मिलने के बाद जरूरी कदम उठाये हैं। इस घटना से स्थानीय हिंदू और दक्षिण एशियाई समुदाय में चिंता की लहर है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदर्भ के साथ अपशब्दों और 'हिंदू विरोधी' संदेशों वाले भित्तिचित्र मंदिर के पार्किंग स्थल के प्रवेश द्वार के पास जमीन पर बिखरे हुए पाए गए। दीवार को कलंकित किया गया। प्रतिनिधियों ने यह भी पाया कि पास की एक इमारत में पानी की आपूर्ति करने वाले पाइप काट दिए गए थे। अधिकारी हमले के लिए ज़िम्मेदार लोगों की सरगर्मी से तलाश कर रहे हैं।
कुछ ही दिन पहले न्यूयॉर्क के मेलविले में इसी तरह एक अन्य हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ हो चुकी है। दोनों मामलों में अपराधी भारत सरकार की राजनीति के लिए हिंदू अमेरिकियों को निशाने पर लेते दिख रहे हैं।
एशियाई अमेरिकी और प्रशांत द्वीपसमूह भेदभाव के खिलाफ वकालत करने वाले गठबंधन स्टॉप एएपीआई हेट ने X पर एक बयान में कहा कि यह कोई अलग घटना नहीं है। जब आम लोगों को किसी विदेशी सरकार के कार्यों के लिए गलत तरीके से जिम्मेदार ठहराया जाता है तो यह नस्लवाद और धार्मिक पूर्वाग्रह की आग भड़काता है। हम हिंदू अमेरिकी समुदाय के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं और इन दोनों एशियाई विरोधी कृत्यों की जांच के आह्वान में शामिल होते हैं।
उत्तरी अमेरिका के हिंदुओं के गठबंधन (CoHNA) ने भी अमेरिका में हिंदूफोबिया की बढ़ती प्रवृत्ति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए बार-बार होने वाले हमलों की निंदा की। संगठन ने एक बयान जारी कर रहा कि एक सप्ताह पहले ही न्यूयॉर्क में ऐसी घटना हुई थी। अब फिर से वही सब। इससे पहले कि पिछला गुबार ठंडा पड़ता एक और घटना का होना निंदनीय है।
संगठन ने इस बात पर जोर दिया कि इन कृत्यों के लिए जवाबदेही की कमी हिंदू विरोधी भावना में तेजी से वृद्धि कर रही है। कहा कि अमेरिका में हिंदूफोबिया तेजी से बढ़ रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि बार-बार उकसावे के बावजूद कोई भी अपराधी पकड़ा नहीं गया है। दुख की बात है कि हमारे सांसदों ने ध्यान आकर्षित करने और इस समस्या को हल करने पर ध्यान केंद्रित नहीं किया है।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login