अमेरिका स्थित गैर लाभकारी संगठन हिंदूएक्शन (HinduACTion) ने बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और हिंसक उथल-पुथल के बीच धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करवाने की व्हाइट हाउस से अपील की है।
हिंदूएक्शन के कार्यकारी निदेशक उत्सव चक्रवर्ती ने बताया कि हमारा संगठन 50 लाख अमेरिकी-हिंदुओं और बांग्लादेशी प्रवासियों को बांग्लादेश की त्रासदी के बारे में अपडेट प्रदान करने के लिए काम कर रहा है। हम बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्हाइट हाउस में विदेश मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद से तुरंत कदम उठाने का आह्वान करते हैं।
HinduACTion calls on @WhiteHouse to ensure safety of religious Minorities in Bangladesh, following Sheikh Hasina's Resignation@VP @JakeSullivan46 @POTUS
— HinduACTion (@HinduACT) August 5, 2024
WASHINGTON, DC — The resignation of Prime Minister Sheikh Hasina has ignited a wave of violent upheaval in Bangladesh,… pic.twitter.com/Ti6Xtj4bZ7
उन्होंने दावा किया कि बांग्लादेश में मौजूदा हिंसक माहौल में देश के 1.5 करोड़ से ज्यादा हिंदू और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि 5 अगस्त को हमारी टीम द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार, कई हिंदुओं की लिंचिंग की गई है और मंदिरों व पूजा स्थलों पर हमले हुए हैं।
हिंदूएक्शन ने बांग्लादेश संकट का आकलन करने के लिए विभिन्न अमेरिकी हिंदू और बांग्लादेशी प्रवासी संगठनों के 40 से अधिक प्रतिनिधियों की एक इमरजेंसी बैठक की। इसमें आम सहमति से कहा गया कि अत्याचारों को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।
चक्रवर्ती ने जोर देकर कहा कि अमेरिकी विदेश विभाग के लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठनों और मदरसों के कट्टरपंथी इस्लामी छात्र मौजूदा अराजकता का फायदा उठाकर धार्मिक अल्पसंख्यकों या अपने राजनीतिक विरोधियों का नरसंहार न करें।
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन कुछ ही हफ्तों में हिंदू विरोधी हिंसा में बदल गया है। ऐसे में हिंसा और अस्थिरता रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप की तत्काल आवश्यकता है। हम बाइडन प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि वह बांग्लादेश और अमेरिका दोनों जगहों पर जमात-ए-इस्लामी के प्रतिनिधियों से बातचीत करे और बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
संगठन ने बांग्लादेश में सैन्य तख्तापलट के इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि 1975 में प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान की उनके भाई-बहनों समेत सेना द्वारा हत्या कर दी गई थी। इसके बाद हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों का बड़े पैमाने पर नरसंहार हुआ था।
उन्होंने आगे दावा किया कि ऐसी ही हिंसा 2001 में हुई थी, जब खालिदा ज़िया के सत्ता में आने के बाद हजारों हिंदू मारे गए थे और सैकड़ों हिंदू महिलाओं का बलात्कार किया गया था। जिया के समर्थकों ने जमात-ए-इस्लामी के आकाओं के साथ मिलकर हिंदुओं के खिलाफ क्रूर अभियान चलाया था।
बांग्लादेश में हिंदुओं, बौद्धों, ईसाइयों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध संगठन हिंदूएक्शन ने उथल-पुथल के इस दौर में कमजोर आबादी की सुरक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से निर्णायक कदम उठाने का आह्वान किया है।
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