ADVERTISEMENTs

भारत में पुलिस हिंसा और मुस्लिम प्रदर्शनकारियों की हत्या की निंदा, नागरिक समाज से आह्वान

HfHR की कार्यकारी निदेशक सुनीता विश्वनाथ ने कहा कि संभल में हिंसा की वृद्धि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के तहत भारत के मुसलमानों के लिए बढ़ते खतरनाक माहौल को रेखांकित करती है।

रविवार, 24 नवंबर को उत्तर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के संभल में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प के दौरान जलता हुआ एक वाहन। / AP

हिंदूज फॉर ह्यूमन राइट्स (HfHR) ने भारत में उत्तर प्रदेश के संभल जिले में पुलिस द्वारा पांच मुस्लिम प्रदर्शनकारियों की हत्या की कड़ी निंदा की है। प्रदर्शनकारी ऐतिहासिक शाही जामा मस्जिद के विवादास्पद सर्वेक्षण का विरोध कर रहे थे। बवाल उत्तेजक नारे लगाने वाले हिंदुत्व समूहों द्वारा बढ़ते तनाव के बीच शुरू हुआ था।

सर्वेक्षण के कारण भड़की झड़पों के दौरान पीड़ितों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। परिवार के सदस्यों का आरोप है कि मौतें पुलिस गोलीबारी के कारण हुईं। इस दावे की आंशिक रूप से पुष्टि मुरादाबाद मंडल आयुक्त ने की है। आयुक्त ने स्वीकार किया कि तीन पीड़ितों की मौत गोली लगने से हुई। इस क्रूर घटना ने समुदाय को दुःख और आक्रोश में डाल दिया है। 

HfHR की कार्यकारी निदेशक सुनीता विश्वनाथ ने कहा कि संभल में हिंसा की वृद्धि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के तहत भारत के मुसलमानों के लिए बढ़ते खतरनाक माहौल को रेखांकित करती है। असंवैधानिक मस्जिद सर्वेक्षणों से लेकर घातक पुलिस प्रतिक्रियाओं तक मुसलमानों को व्यवस्थित रूप से निशाना बनाना सांप्रदायिक विभाजन और धमकी के भयावह एजेंडे को दर्शाता है। ये मौतें जवाबदेही, न्याय और राज्य प्रायोजित हिंसा के चक्र को तत्काल समाप्त करने की मांग करती हैं।

झड़पें तब शुरू हुईं जब स्थानीय लोगों ने अदालत के आदेश पर मस्जिद के दूसरे सर्वेक्षण का विरोध किया जो कथित तौर पर 'जय श्री राम' के नारे लगाने वाले हिंदुत्व कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में किया गया था। ऑनलाइन प्रसारित होने वाले वीडियो सर्वेक्षण टीमों को इन समूहों के साथ जोड़ते हुए दिखाते हैं जिससे उकसावे और पूर्वाग्रह की आशंका बढ़ जाती है। क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं, निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और स्कूल बंद कर दिए गए। इससे क्षेत्र अलग-थलग हो गया है और असहमति को दबा दिया गया।

HfHR की वरिष्ठ नीति निदेशक रिया चक्रवर्ती ने वैश्विक ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि संभल में मौतें अलग-अलग घटनाएं नहीं हैं बल्कि भारत के मुसलमानों के खिलाफ राज्य समर्थित दमन के व्यापक पैटर्न का हिस्सा हैं। अदालत द्वारा स्वीकृत कार्रवाइयों के कारण यह हिंसा भड़की। प्रशासन की कठोर प्रतिक्रिया यह रेखांकित करती है कि संवैधानिक मूल्यों पर विभाजनकारी राजनीति को प्राथमिकता देने वाली सरकार के तहत न्याय कैसे नष्ट हो रहा है। इससे पहले कि और जानें जाएं अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कार्रवाई करनी चाहिए।
 
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव सहित कई राजनीतिक नेताओं ने हिंसा की निंदा की है और इसके लिए भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति को जिम्मेदार ठहराया है। गांधी ने हत्याओं को 'राज्य सरकार के पूर्वाग्रह और असंवेदनशीलता का दुर्भाग्यपूर्ण परिणाम' बताया है। वहीं, यादव ने सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप करने और तनाव पैदा करने के लिए सर्वेक्षणों के इस्तेमाल को रोकने का आग्रह किया है। इस माहौल में HfHR ने नागरिक समाज, मानवाधिकार संगठनों और वैश्विक समुदाय से आह्वान किया है कि...

  • हत्याओं की स्वतंत्र जांच की मांग करें
  • भारत के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और संवैधानिक धर्मनिरपेक्षता के संरक्षण की वकालत करें
  • मुसलमानों के ख़िलाफ हिंसा को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को ज़िम्मेदार ठहराएं

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video

 

Related