पर्व और त्योहार जिंदगी में रंग भर देते हैं। वे जिंदगी का उत्सव मनाने, कड़वी यादों को भूलने और भविष्य की तरफ आनंद व उत्साह से देखने का अवसर होते हैं। होली का त्योहार भी ऐसा ही है। यह जिंदगी के कैनवस में अच्छे स्वास्थ्य, संपन्नता और सफलता के रंग भरने का उत्सव है। इसका मूल मंत्र है - खुश रहिए, स्वस्थ रहिए और प्रफुल्लित रहिए।
होली का त्योहार सिर्फ सर्दियों की विदाई और वसंत के आगमन का त्योहार नहीं है। यह अपने घर को नई फसल की खुशियों से भरने का भी पर्व है। होली का त्योहार साल के ऐसे समय आता है, जब मौसम करवट ले रहा होता है। ऐसे में खाने-पीने की आदतों में भी बदलाव जरूरी हो जाता है। यह त्योहार बताता है कि गर्म चीजें खाने का समय बीत चुका है और अब तन-मन को कूल-कूल रखने का समय शुरू हो गया है।
भारत और अमेरिका में इस बार की होली खास है। इस बार की होली में सियासी रंग घुल चुके हैं। दोनों ही देशों में चुनावी बयार बहना शुरू हो चुकी है। आने वाले हफ्तों में राजनीतिक दल और उनके नेता धर्म, क्षेत्र, भाषा, जात-पात आदि को लेकर अपने सियासी हित साधने के लिए जनता को प्रेरित करेंगे और विपक्षी नेताओं पर उंगलियां उठाएंगे। आपके लिए अच्छा यही होगा कि इन राजनेताओं के खेल को समझें और इनके जाल में न फंसें।
इन राजनेताओं के लिए ये कोई नई बात नहीं है। वे हर पांच साल में आमतौर पर ऐसा ही करते हैं। वे इसे लोकतंत्र का उत्सव कहते हैं। हम आम जनता के लिए होली रंगों का त्योहार है, आपसी मतभेदों को भुलाकर एकदूसरे को गले लगाने का त्योहार है और बधाई देने का त्योहार है। हमें होली के रंगों से सीख लेनी चाहिए। जिंदगी में अलग अलग रंग होना जरूरी है।
आइए उन लोगों को कामयाब न होने दें, जो लोगों को बांटते हैं। राजनेताओं को हमारी भावनाओं से खेल न खेलने दें। इसके बजाय इन नेताओं को विवश करें कि वे सत्ता की भूख छोड़कर आपसी प्रेम और सौहार्द के साथ त्योहारों को मनाएं। चाहे वो रंगों का उत्सव होली हो या फिर लोकतंत्र का उत्सव।
हैप्पी होली
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