होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (डीएचएस) ने प्रवासी कर्मचारियों के रोजगार ऑथराइजेशन संबंधी दस्तावेजों (ईएडी) को लेकर ऐतिहासिक ऐलान किया है। विभाग ने पात्र गैर-नागरिकों के ईएडी की ऑटोमैटिक एक्सटेंशन अवधि 180 दिनों से बढ़ाकर 540 दिन करने के अंतिम नियम की घोषणा कर दी है।
ये नया नियम 13 जनवरी 2025 से प्रभावी होगा। इसका उद्देश्य समय पर ईएडी रिन्यूवल का अनुरोध करने वाले आवेदकों के लिए एंप्लॉयमेंट ऑथराइजेशन की प्रक्रिया पूरी करना और अमेरिकी कंपनियों व पेशेवरों को निश्चितता प्रदान करना है।
यह नियम ऐसे ईएडी नवीनीकरण आवेदनों पर लागू होगा जो 4 मई 2022 को या उसके बाद दायर किए गए थे या पेंडिंग थे। इसका उद्देश्य वित्तीय वर्ष 2021 के मुकाबले स्टेटस एडजस्टमेंट आवेदनों में ईएडी प्रोसेसिंग समय को आधा करना है।
शरण व पैरोल संबंधी आवेदनों के लिए प्रोसेसिंग टाइम को घटाकर औसतन 30 दिन तक लाना भी इसका मकसद है। इसके जरिए कुछ श्रेणियों के लिए ईएडी वैधता अवधि दो साल से बढ़ाकर पांच साल की जाएगी और ईएडी आवेदनों के लिए ऑनलाइन फाइलिंग सुविधा का विस्तार किया जाएगा।
भारतीय मूल के अमेरिकी अजय भुटोरिया ने इसे प्रवासी समुदाय खासकर भारत के लाखों लोगों के लिए बड़ी जीत करार दिया है। उनका कहना है कि इस विस्तार से ऐसे प्रोफेशनल्स को बहुत जरूरी राहत मिलेगी जो अपने परिवारों का सपोर्ट करने के लिए समय पर रिन्यूवल कराने में यकीन रखते हैं।
भुटोरिया ने कहा कि व्हाइट हाउस के एशियाई अमेरिकिन, मूल हवाईयन व प्रशांत द्वीप समूह के लोगों और व्यापारिक समुदाय संबंधी आयोग की सिफारिशों के आधार पर इस नीति में बदलाव हुआ है। उन्होंने बैकलॉग में अटके लोगों के लिए भी ईएडी जारी करने के नियम में सुधार की जरूरत पर जोर दिया है।
सेक्रेटरी (होमलैंड सिक्योरिटी) एलेजांद्रो एन. मयोरकास ने कहा कि ऑटोमैटिक एक्सटेंशन पीरियड बढ़ाने से कंपनियों पर बोझ डालने वाली लालफीताशाही खत्म करने में मदद मिलेगी। इससे यह सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी कि पात्र नागरिक समाज में योगदान देते रहें तथा हमारी अर्थव्यवस्था को और मजबूत बना सकें।
USCIS के निदेशक उर एम. जड्डू ने कहा कि इस नियम से कंपनियों को मदद मिलेगी और प्रोफेशनल्स को बिना उनकी गलती के रोजगार ऑथराइजेशन में अनावश्यक देरी रुकेगी। यह प्रोसेसिंग में देरी का समय घटाने और रोजगार में स्थिरता बढ़ाने के प्रयासों को बढ़ावा देगा।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login