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इंडिया डे परेड : राम मंदिर की झांकी शामिल करने की योजना पर IAMC को आपत्ति

IAMC अध्यक्ष मोहम्मद जवाद ने कहा कि यह देखना बेहद परेशान करने वाला है कि धुर दक्षिणपंथी समूह हमारे देश की आजादी को नफरत और धार्मिक वर्चस्व के सर्कस में बदल रहे हैं। परेड के लिए प्रस्तावित झांकी बाबरी मस्जिद के विध्वंस का महिमामंडन करने और 20 करोड़ भारतीय मुसलमानों के खिलाफ हिंसा और आतंक का जश्न मनाने का एक बेशर्म प्रयास है।

अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी। / IAMC

अमेरिका में प्रवासी भारतीय मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करने वाले सबसे बड़े वकालत संगठन इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC) ने अगले महीने न्यूयॉर्क शहर में इंडिया डे परेड के दौरान कथित मुस्लिम विरोधी झांकी शामिल करने की योजना की कड़ी निंदा की है और साथ ही गहरी चिंता व्यक्त की है। 

काउंसिल का आरोप है कि धुर दक्षिणपंथी विश्व हिंदू परिषद (VHPA) के नेतृत्व में संगठनों के एक समूह ने 18 अगस्त को 42वीं वार्षिक इंडिया डे परेड का उपयोग राम मंदिर की विभाजनकारी झांकी दिखाकर अमेरिकी मुसलमानों के बीच नफरत फैलाने और डर पैदा करने की योजना बनाई है। काउंसिल का मानना है कि अयोध्या का राम मंदिर हिंसा, ऐतिहासिक अन्याय और धार्मिक असहिष्णुता का प्रतीक है। 

काउंसिल ने आरोप लगाया कि VHPA भारत की विश्व हिंदू परिषद (VHP) की एक शाखा है और इसे केंद्रीय खुफिया एजेंसी (CIA) वर्ल्ड फैक्टबुक की ओर से 'उग्रवादी धार्मिक संगठन' के रूप में नामित किया गया है। जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी का ब्रिज इनिशिएटिव VHPA को एक इस्लामोफोबिक समूह के रूप में पहचानता है।

IAMC अध्यक्ष मोहम्मद जवाद ने कहा कि यह देखना बेहद परेशान करने वाला है कि धुर दक्षिणपंथी समूह हमारे देश की आजादी को नफरत और धार्मिक वर्चस्व के सर्कस में बदल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि परेड के लिए प्रस्तावित झांकी बाबरी मस्जिद के विध्वंस का महिमामंडन करने और 20 करोड़ भारतीय मुसलमानों के खिलाफ हिंसा और आतंक का जश्न मनाने का एक बेशर्म प्रयास है। इस तरह का आयोजन समावेशिता और सहिष्णुता के मूल्यों के लिए खतरा है जिसे न्यूयॉर्क शहर और न्यूयॉर्क राज्य के लोग गर्व से कायम रखते हैं। 

IAMC ने गवर्नर कैथी होचुल और मेयर एरिक एडम्स से परेड में कथित ध्रुवीकरण और विभाजनकारी झांकी को शामिल करने से रोकने के लिए तत्काल निर्णायक कदम उठाने का आह्वान किया है। काउंसिल का कहना है कि हमारे विविध समुदायों को ऐसे विभाजनकारी और भड़काऊ कार्यों से बचाना और यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि न्यूयॉर्क अपने सभी निवासियों के लिए एक सुरक्षित और स्वागत योग्य स्थान बना रहे।
 

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