भारत के चेन्नई में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IITM) रिसर्च पार्क की तरफ से 6G के लिए क्लासिकल एंड क्वांटम कम्युनिकेशन पर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस शुरू किया गया है।
इसका उद्घाटन भारत के दूरसंचार सचिव नीरज मित्तल ने तमिलनाडु के एसपी डीजीटी संजीव कुमार बिदवई और आईआईटी मद्रास के निदेशक कामकोटि वीजीनाथन की उपस्थिति में किया।
इसे टेलीकॉम सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस (TCoE)-इंडिया के सब सेंटर के रूप में लॉन्च किया गया है। यह सेंटर सुपरफास्ट स्पीड, अल्ट्रा-लो लेटेंसी और बेहतर कनेक्टिविटी वाली 6G टेक्नोलोजी के विकास और उसे लागू करने के अभियान की अगुआई करेगा।
अनुसंधान एवं विकास कार्यों का अधिकतम लाभ उठाने के लिए चुनिंदा प्रस्तावों के लिए तीन दिवसीय विशेष वर्कशॉप आयोजित की जाएगी। इसका उद्देश्य 6G तकनीक को आगे बढ़ाने के लिए सामंजस्यपूर्ण और समन्वित प्रयास करना है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सभी प्रोजेक्टों को इस सामूहिक विशेषज्ञता और संसाधनों से फायदा मिल सके।
यह नया केंद्र इनोवेशन हब के रूप में काम करेगा और अत्याधुनिक प्रोजेक्टों पर सहयोग के लिए अकादमिक और उद्योग जगत के विशेषज्ञों को एक साथ लाएगा। इससे 6G सेवाओं के विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह दुनिया भर में 6G नेटवर्क के लिए मानक और बुनियादी ढांचे को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इसके अलावा, यह सेंटरIIT मद्रास में मौजूदा 5G टेस्ट बेड से इंटरकनेक्टिविटी की सुविधा भी प्रदान करेगा। इसे आठ संस्थानों के साथ मिलकर विकसित किया गया है। इसकी फंडिंग संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा की जाती है। मई 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका 5G टेस्ट बेड का उद्घाटन किया था। इसका उद्योग जगत और शिक्षाविदों द्वारा नए 5G प्रोडक्ट्स की टेस्टिंग के लिए बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल 23 मार्च को महत्वाकांक्षी 'भारत 6G विजन' का अनावरण किया था। इसका उद्देश्य 2030 तक भारत को 6G तकनीक को अपनाने के लिए डिजाइन, डेवलपमेंट और डेप्लॉयमेंट में प्रमुख योगदानकर्ता बनाना है। यह एडवांस और सस्ती दूरसंचार टेक्नोलोजी में भारत के नेतृत्व को सुनिश्चित करेगा।
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