नई इमिग्रेशन पॉलिसी के खिलाफ लॉस एंजिल्स के डाउनटाउन में लगातार दूसरे हफ्ते भी प्रदर्शन हुए। ला प्लाजा एन एल पुएब्लो में हजारों लोग उतरे। लॉस एंजिल्स पुलिस डिपार्टमेंट (LAPD) ने कहा कि ये प्रदर्शन बिना इजाजत के आयोजित किए गए थे। 9 फरवरी को हुए इस प्रदर्शन में किसी की गिरफ्तारी की खबर नहीं आई। इससे पहले हुए प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने 101 फ्रीवे का रास्ता ब्लॉक कर दिया था। पुलिस को कड़ा एक्शन लेना पड़ा था। प्रदर्शन में शामिल 200 से अधिक लोगों को LAPD ने हिरासत में ले लिया था। ये प्रदर्शन सुबह से देर रात तक चले।
7 फरवरी की सुबह सिटी हॉल से शुरू होकर ग्रैंड पार्क तक निकला प्रदर्शन दोपहर डेढ़ बजे स्प्रिंग स्ट्रीट पर हिंसक हो गया। हाई स्कूल के स्टूडेंट्स के बीच हुई झड़प में 17 साल के एक लड़के को चाकू मार दिया गया। LAPD के मुताबिक, लड़के की हालत गंभीर है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शन को गैरकानूनी घोषित करते हुए भीड़ को तितर-बितर करने का आदेश दिया। हालांकि प्रदर्शनकारी वहां से हट गए, लेकिन कुछ लोग सिक्स्थ स्ट्रीट ब्रिज पर फिर जमा हो गए। पुलिस ने सिटी हॉल और ग्रैंड पार्क के सामने स्प्रिंग स्ट्रीट को बंद कर दिया है।
वहीं, फेडरल सरकार की नई पॉलिसी और लोगों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूजम ने 7 फरवरी को 50 मिलियन डॉलर का फंड जारी किया है। ये पैसे फेडरल सरकार की नीतियों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने और संभावित डिपोर्टेशन से इमिग्रेंट्स की मदद करने में लगेंगे। इसमें से 25 मिलियन डॉलर स्टेट के जस्टिस डिपार्टमेंट को फेडरल सरकार के खिलाफ केस लड़ने के लिए दिए जाएंगे।बाकी के 25 मिलियन डॉलर उन संस्थाओं को मिलेंगे जो डिपोर्टेशन का सामना कर रहे इमिग्रेंट्स की मदद करती हैं।
ट्रम्प के पहले कार्यकाल में भी कैलिफोर्निया और फेडरल गवर्नमेंट के बीच क्लाइमेट रेगुलेशन, पानी की पॉलिसी और इमिग्रेंट राइट्स को लेकर बहुत तकरार हुई थी। कैलिफोर्निया ने ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन के खिलाफ 100 से ज्यादा केस फाइल किए थे। अब लगता है ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में भी यही तकरार फिर शुरू हो गई है।
डेमोक्रेटिक असेंबली स्पीकर रॉबर्ट रिवास ने इस हफ्ते के शुरुआत में कहा, 'कैलिफोर्निया के लोगों को एक ऐसे प्रशासन से खतरा है जो कानून की परवाह नहीं करता और खुद को बेकाबू समझता है। इसीलिए हम यहां के लोगों को इस खतरे से बचाने के लिए जरूरी संसाधन मुहैया कराने के लिए कानून ला रहे हैं।'
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