ADVERTISEMENTs

स्टैनफोर्ड ने 6 भारतवंशियों को चुना नाइट हेनेसी स्कॉलर, जानें कौन हैं ये

नाइट-हेनेसी स्कॉलर्स प्रोग्राम के तहत विश्व के असाधारण प्रतिभा वाले स्कॉलर्स को चुना जाता है। इस साल चुने गए 90 स्कॉलर्स 30 अलग अलग देशों से हैं। ये दिखाता है कि ये प्रोग्राम किस तरह दुनिया में अपना प्रसार कर रहा है।

इस साल 90 स्कॉलर्स को चुना गया है, जो अब तक का सबसे बड़ा ग्रुप है। / X @KnightHennessy

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के नाइट-हेनेसी स्कॉलर्स प्रोग्राम के लिए 2024 के ग्रुप की घोषणा हो गई है। इस साल 90 स्कॉलर्स को चुना गया है, जो अब तक का सबसे बड़ा ग्रुप है। इनमें भारतीय मूल के छह स्कॉलर शामिल हैं।

इस प्रोग्राम के तहत विश्व के असाधारण प्रतिभा वाले स्कॉलर्स को चुना जाता है। इस साल चुने गए 90 स्कॉलर्स 30 अलग अलग देशों से हैं। ये दिखाता है कि ये प्रोग्राम किस तरह दुनिया में अपना प्रसार कर रहा है। इस प्रतिष्ठित समूह का हिस्सा बने भारतीय मूल के छह स्कॉलर्स इस प्रकार हैं-

अंक अग्रवाल - कनेक्टिकट न्यू हेवन के मूल निवासी अंक अग्रवाल स्टैनफोर्ड में मेडिकल और एडवोकेसी इंट्रेस्ट का अनूठा मिश्रण पेश करते हैं। वह स्टैनफोर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन में कैंसर बायोलॉजी में एमडी और पीएचडी कर रहे हैं। उन्हें कैंसर अनुसंधान, त्वचा विज्ञान और स्वास्थ्य समानता जैसे विषय पसंद हैं। उनके प्रयासों की जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय जैसे संस्थान भी तारीफ कर चुके हैं।

वासन कुमार - इलिनोइस के स्कोकी के रहने वाले वासन कुमार स्टैनफोर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन और ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से एमडी/एमबीए की दोहरी पढ़ाई कर रहे हैं। न्यूरोसाइंस की पृष्ठभूमि वाले वासन की गहरी रुचि स्वास्थ्य नीति और प्रौद्योगिकी में है। वह अनूठे उपायों के जरिए स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता बढ़ाने और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक उसकी पहुंच बनाने के लिए प्रयासरत है। 

अनीश पप्पू - अनीश स्टैनफोर्ड स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी कर रहे हैं। वह स्टैनफोर्ड, यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से डिग्री लेने वाले मार्शल स्कॉलर हैं। उनका शोध कृत्रिम बुद्धिमत्ता, प्राइवेसी और पॉलिसी को लेकर है। वह गूगल Google Deepmind और Ada Lovelace Institute में भी काम कर चुके हैं।

राहुल पेनुमाका - हैदराबाद के रहने वाले राहुल स्टैनफोर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन में ट्रांसलेशनल रिसर्च और एप्लाइड मेडिसिन पर फोकस कर रहे हैं। फार्माकोलॉजी की पृष्ठभूमि और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में व्यापक अनुभव के साथ राहुल हृदय रोगियों की संख्या कम करने के समर्पित हैं। कोरोना महामारी के दौरान कैंसर बायोमार्कर रिसर्च और मेडिकल एजुकेशन में उनका कार्य उनके सक्रिय दृष्टिकोण को दर्शाता है। 



ईशा संघवी - कैलिफोर्निया के फ्रेमोंट की रहने वाली ईशा संघवी स्टैनफोर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन से एमडी कर रही हैं। ईशा ने महिला स्वास्थ्य और ट्रॉमा केयर पर फोकस के साथ कमजोर वर्ग के लोगों के लिए सुलभ स्वास्थ्य देखभाल समाधान विकसित करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। वह पहनने योग्य दवा तकनीक में और पार्टनर की हिंसा के शिकार लोगों की देखभाल को लेकर भी प्रतिबद्ध रही हैं।

कृतिका सिंह - वर्जीनिया के मैकलीन की रहने वाली कृतिका सिंह नवीन नई के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने में जुटी हैं। वह स्टैनफोर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन से एमडी कर रही हैं। बायो इंजीनियरिंग की बैकग्राउंड और व्यापक शोध अनुभव से कृतिका चिकित्सीय अल्ट्रासाउंड और स्वास्थ्य देखभाल की लीडर के रूप में अपनी पहचान बना चुकी हैं। 

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video

 

Related