कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से संचालित रोबोटिक प्रशिक्षक, 'मलार टीचर' की बदौलत चेन्नई स्थित अन्ना यूनिवर्सिटी के सभी विषयों के संपूर्ण इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम को अब व्हाट्सएप पर एक्सेस किया जा सकता है।
एआई स्टार्टअप स्टूडियो के सह-संस्थापक अर्जुन रेड्डी ने एक लिंक्डइन पोस्ट में दावा किया कि मलार ने उनकी सभी अनुशंसित पठन सामग्री को आत्मसात कर लिया है और 10 साल के बच्चे के सीखने के स्तर तक का कोई भी कॉन्सेप्ट वह सिखा सकती है। रोबो टीचर (मलार) 'दुनिया की पहली स्वायत्त एआई विश्वविद्यालय प्रोफेसर' हैं।
भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर प्रकाशित साप्ताहिक समाचार पत्र 'द ह्यूरिस्टिक' में इस घटनाक्रम की रिपोर्ट करते हुए संवाददाता डॉ. निवाश जीवनंदम ने कहा कि अन्य कंपनियों के विपरीत जो पारंपरिक प्लेटफार्मों या तरीकों का विकल्प चुन सकती हैं मलार भारत में व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले मैसेजिंग एप्लिकेशन व्हाट्सएप का इस्तेमाल करती है।
बकौल रेड्डी यह निर्णय विभिन्न राज्यों में 100 छात्रों के इंटरव्यू से प्राप्त इनपुट अंतर्दृष्टि से प्रभावित था जिससे पता चला कि डेटा का उपयोग अपेक्षाकृत सस्ता है जबकि मोबाइल स्पेस सीमित और महंगा है। व्हाट्सएप का उपयोग करके छात्र स्पेस की कमी के बारे में चिंता किए बिना मलार की सेवाओं तक अधिक आसानी से पहुंच सकते हैं।
अर्जुन रेड्डी बताते हैं कि हम भारत-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाना चाहते थे और मौजूदा पारिस्थितिक तंत्र के लिहाज से व्हाट्सएप के साथ गए ताकि हमारे उपयोगकर्ताओं को एक और एप डाउनलोड करने के झंझट में न पड़ना पड़े। आईओएस, एंड्रॉइड, वेब, मैक, विंडोज और लिनक्स के लिए देसी एप्स के साथ-साथ मूल्यांकन और कोड उदाहरण भी आ रहे हैं।
सिडनी, ऑस्ट्रेलिया स्थित भारत, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर में उपस्थिति वाली AI R&D फर्म HaiVE की सह-संस्थापक और सीईओ दीपिका लोगनाथन मलार टीचर के विकास में भागीदार हैं। लोगनाथन ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि एआई शिक्षक इतनी तेजी से इतने सारे लोगों में वायरल हो जाएगा।
19 अप्रैल को लॉन्च किए गए इस टूल को लेकर भारी उत्साह देखा गया है। चार दिनों में 140,000 से अधिक रजिस्ट्रेशन हुए और लगभग डेली यूसेज करीब 42,000 है। मलार टीचर एक उपयोगकर्ता के 20 दैनिक प्रश्नों का निःशुल्क उत्तर देती है। इसके बाद यह उपयोगकर्ताओं को अधिक सुविधाओं तक पहुंचने के लिए यूपीआई के माध्यम से भुगतान करने के लिए प्रेरित करती है।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login