कनाडा के ओंटारियो में भारतीय मूल के पति-पत्नी की अंधाधुंध गोलियां बरसाकर हत्या के मामले में नया खुलासा हुआ है। जगतार सिंह सिद्धू और हरभजन कौर के बेटे ने दावा किया है कि हत्या से ठीक चार दिन पहले पुलिस ने भारत से आए उनके माता-पिता से बात की थी।
जगतार सिंह और हरभजन कौर की उम्र करीब 50 वर्ष थी। उन्हें 20 नवंबर की आधी रात को कैलेडन ब्रैम्पटन सीमा पर उनके किराये के घर में 20 से अधिक गोलियां मारी गई थीं। जगतार ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था जबकि हरभजन ने अस्पताल में अंतिम सांस ली। इनकी बेटी को भी 13 गोलियां लगी थीं, जो अस्पताल में मौत से जूझ रही है।
जगतार के बेटे गुरदीत सिंह सिद्धू कनाडाई नागरिक हैं। उन्हें स्थानीय मीडिया से बातचीत में बताया कि हत्याकांड से चार दिन पहले पील पुलिस के होमिसाइड एंड मिसिंग पर्सन्स ब्यूरो के अधिकारी ने उनके घर आकर उनके माता-पिता से बात की थी। ऐसी क्या बात थी, जो वह अधिकारी बात करने आया था? क्या पुलिस को पता था कि उनके साथ कुछ गलत होने वाला है?
सिद्धू ने कहा कि मुझे पछतावा है कि मैंने अपने माता पिता को यहां बुलाया ही क्यों था। मुझे उन्हें यहां बुलाना ही नहीं चाहिए था। उन्होंने कहा कि हम सोच भी नहीं सकते थे कि कनाडा में भी ऐसी घटनाएं हो सकती हैं इसीलिए मैंने यहां की नागरिकता ले ली थी।
सिद्धू का यह सवाल इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि उनके घर का इलाका ओंटारियो प्रांतीय पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आता है जबकि उनके माता पिता से पूछताछ करने पील इलाके के पुलिस अधिकारी आए थे। 16 नवंबर को जब पुलिस आई, तब सिद्धू के माता-पिता घर पर अकेले थे।
सिद्धू ने बताया कि पुलिस करीब एक घंटे तक सड़क पर खड़ी रही थी। पुलिस अधिकारी ने अपना विजिटिंग कार्ड भी मेरे माता पिता को दिया था। हमने पुलिस से कई बार पूछा कि आखिर बात क्या थी, लेकिन उनका बस एक ही जवाब है कि हम कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।
घटना के बाद ओंटारियो प्रांतीय पुलिस ने कहा था कि संभवतः यह वारदात गलत पहचान के कारण हो सकती है। पुलिस का मानना है कि इस हत्याकांड में कई लोग शामिल थे। सभी पहलुओं से मामले की जांच की जा रही है।
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