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ट्रम्प 2.0 में अमेरिकी कंपनियों को भारत में मिल सकती है आसान पहुंच, नई ट्रेड डील की उम्मीद

वाशिंगटन में भारतीय राजदूत रहे हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि ट्रम्प के पहले कार्यकाल में हमारे बीच काफी अच्छी सहमति थी। मुझे लगता है कि उनका दूसरा कार्यकाल और भी बेहतर साबित होगा।

भारत को डोनाल्ड ट्रम्प से पीएम मोदी के मधुर संबंधों का भी फायदा मिल सकता है। / REUTERS/Brian Snyder/File

डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति निर्वाचित होने के साथ ही अमेरिकी कंपनियों के लिए भारत में आसान पहुंच का रास्ता खुल गया है। मामले से जानकार सूत्रों की मानें तो ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में भारत-अमेरिका के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर अंतिम मुहर लग सकती है। 

2017 से 2021 तक राष्ट्रपति रह चुके ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल में दक्षिण एशियाई देशों से आयातित वस्तुओं पर भारी टैरिफ लगाने के कई प्रयास किए थे। हालांकि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके मधुर संबंध रहे थे। व्हाइट हाउस में उनके कार्यकाल के आखिर में भारत और अमेरिका अपने मतभेदों को दूर करते हुए एक सीमित समझौते पर बातचीत के लिए सहमत हो गए थे।
 
ट्रम्प के पहले कार्यकाल के दौरान वाशिंगटन में भारतीय राजदूत रहे हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि उस समय हमारे बीच काफी अच्छी सहमति थी। मुझे लगता है कि उनका दूसरा कार्यकाल और भी बेहतर होगा क्योंकि दोनों पक्षों में आपसी समझ और सम्मान की भावना मजबूत हुई है, खासकर नेताओं के स्तर पर।

रिटायर्ड राजनयिक ने बताया कि भारत ने ट्रम्प के पहले कार्यकाल के दौरान एक मिनी ट्रेड डील लगभग पूरी कर ली थी, लेकिन कोविड-19 महामारी की वजह से उसमें अड़चन आ गई। ऐसे में अब उम्मीद है कि ट्रम्प 2.0 सरकार में दोनों देशों के बीच एक मुक्त व्यापार समझौता हो सकता है।

व्हाइट हाउस में चार साल बाद शानदार वापसी करने वाले ट्रम्प ने हाल ही में भारत को व्यापारिक संबंधों का बड़ा उल्लंघनकर्ता करार दिया था। चुनाव प्रचार के दौरान भी उन्होंने अपनी मिस्टर टैरिफ की छवि को और सख्त बनाने की बात कही थी और अमेरिका में आयात होने वाली सभी वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाने का संकल्प जताया था।

भारत सरकार की सोच से वाकिफ एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि भारत सरकार अमेरिकी कंपनियों की एंट्री के लिए टैरिफ कम करने को तैयार है, बशर्ते भारतीय वस्तुओं को बेहतर ट्रेड टर्म मिलें। सूत्र ने बताया कि ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में आयात शुल्क कम किया जा सकता है।

सूत्रों का कहना था कि भारत ट्रम्प के अगले कार्यकाल में अमेरिका से व्यापार संबंधों को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित नहीं है, क्योंकि ट्रम्प के निशाने पर मूलरूप से चीन से आयातित सामान है। बता दें कि एक्सपोर्ट के मामले में भारत के लिए अमेरिका शीर्ष गंतव्य है। साल 2023 में भारत से 120 बिलियन डॉलर की वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात अमेरिका को किया गया था।

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