अमेरिका के पूर्व ड्रग नीति प्रमुख डॉ. राहुल गुप्ता ने कहा कि भारत, अमेरिका की वैश्विक साझेदारियों की सफलता में एक महत्वपूर्ण घटक है। उन्होंने सुरक्षा, स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और व्यापार जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।
डॉ. गुप्ता ने हाल ही में न्यू इंडिया अब्रॉड को दिए गए इंटरव्यू में कहा, "भारत न केवल एक तेजी से उभरती शक्ति है, बल्कि यह अमेरिका और स्वतंत्र विश्व के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक साझेदार भी है।" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा को लेकर उन्होंने कहा, "मोदी जी की यात्रा बेहद सफल रही। अमेरिका की वैश्विक साझेदारियों की सफलता में भारत एक आवश्यक घटक है।"
डॉ. गुप्ता हाल ही में भारत दौरे से लौटे हैं। उन्होंने देश की तेजी से बढ़ती बुनियादी ढांचे और आर्थिक विकास की प्रशंसा की, खासकर महानगरों में। हालांकि, उन्होंने शिक्षा और प्रौद्योगिकी की पहुंच को सभी नागरिकों तक सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, "भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की योजना महत्वाकांक्षी है, लेकिन इसे पूरा किया जा सकता है।"
निजी क्षेत्र में नई भूमिका
बाइडेन प्रशासन से अलग होने के बाद डॉ. राहुल गुप्ता अब निजी क्षेत्र में सक्रिय हैं। वह अब GATC हेल्थ के अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के जरिए दवाओं की खोज में क्रांतिकारी बदलाव लाने पर केंद्रित है। उन्होंने कहा, "हम एक नई प्रणाली विकसित कर रहे हैं जिससे दवाओं की खोज और निर्माण की प्रक्रिया तेज़ होगी, लागत कम होगी और अधिक लोगों तक पहुंच सकेगी। कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों के लिए नई दवाएं आने में दशकों लग जाते हैं, लेकिन हमारी तकनीक इस प्रक्रिया को काफी तेज कर सकती है।"
चीन, मैक्सिको और अमेरिका का ड्रग संकट
डॉ. गुप्ता ने अमेरिका में फेंटानाइल नामक घातक ड्रग की तस्करी को लेकर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बाइडेन प्रशासन की नीतियों से मौतों की संख्या में 50% की कमी आई, लेकिन नई सरकार के तहत चुनौतियां बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि चीन और मैक्सिको का सहयोग आवश्यक है। "हमें चीन से यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि वे अपने देश में अवैध ड्रग व्यापार करने वालों पर कार्रवाई करें। मैक्सिको में भी इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।"
डॉ. गुप्ता ने चीन पर लगाए गए टैरिफ (आयात शुल्क) के असर को लेकर संदेह जताया। उन्होंने चेताया कि अगर सही रणनीति न अपनाई गई तो और भी घातक ड्रग्स बाजार में आ सकते हैं, जो अमेरिकी नागरिकों के लिए खतरनाक साबित होंगे।
रणनीतिक साझेदारियों की आवश्यकता
डॉ. गुप्ता ने कहा कि ड्रग संकट से निपटने के लिए केवल आर्थिक दबाव पर्याप्त नहीं है, बल्कि ठोस कूटनीतिक प्रयास भी जरूरी हैं। उन्होंने कहा, "अगर हम देशों पर आर्थिक दबाव बनाते हैं, तो उनके सहयोग की उम्मीद करना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए, संतुलित और रणनीतिक दृष्टिकोण आवश्यक है।" उन्होंने भारत और अमेरिका के संबंधों को और मजबूत बनाने की वकालत की और कहा कि "इन दोनों देशों का सहयोग न केवल उनके हित में है, बल्कि यह पूरे विश्व के लिए भी महत्वपूर्ण है।"
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