विदेशों में बसे भारतीय मूल के लोगों ने साल 2022 में रिकॉर्ड स्तर पर रकम अपने मूल देश भेजी। संयुक्त राष्ट्र इमिग्रेशन एजेंसी के मुताबिक, 2022 में भारत को रेमिटेंस के रूप में 111 अरब डॉलर से अधिक की रकम प्राप्त हुई, जो कि एक रिकॉर्ड है।
भारत पहला देश है, जिसे रेमिटेंस के रूप में 100 बिलियन डॉलर से अधिक की रकम मिली है। इतना ही नहीं, इतनी ज्यादा रकम और किसी भी देश को नहीं मिली है। भारत को भी पहली बार इतनी बड़ी रकम प्राप्त हुई है।
इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन की वर्ल्ड माइग्रेशन रिपोर्ट 2024 के अनुसार, रेमिटेंस के मामले में भारत नंबर वन पर है। टॉप 5 के बाकी देशों में मैक्सिको, चीन, फिलीपींस और फ्रांस शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में भारत 111 अरब डॉलर से अधिक की रकम रेमिटेंस में प्राप्त करने वाला पहला देश है। दूसरे नंबर पर मेक्सिको है। उसने 2021 से को पछाड़कर यह खिताब जीता था। 2020 में भारत को 83.15 बिलियन डॉलर रेमिटेंस मिला था।
रिपोर्ट में प्रवासी श्रमिकों के केंद्र के रूप में दक्षिणी एशिया की अहम भूमिका पर जोर दिया गया है। इसमें भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश वैश्विक स्तर पर अंतरराष्ट्रीय रेमिटेंस के शीर्ष दस प्राप्तकर्ताओं में हैं।
खाड़ी देश प्रवासियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण गंतव्य बने हुए हैं। भारत, मिस्र, बांग्लादेश, इथियोपिया और केन्या जैसे देशों की बड़ी आबादी इन देशों में निर्माण, आतिथ्य और घरेलू सेवा जैसे क्षेत्रों में कार्यरत है।
दुनिया में अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों के मामले में भारत नंबर वन है। भारत के सबसे ज्यादा प्रवासी संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और सऊदी अरब जैसे देशों में हैं।
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