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भारत और इस दक्षिण-पूर्व यूरोपीय देश के रिश्ते होंगे मजबूत, बैठक में बनी सहमति

बैठक में आपसी राजनीतिक संबंध, व्यापार, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और लोगों से लोगों के बीच संपर्क आदि मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया।

विदेश कार्यालय परामर्श (एफओसी) के तीसरे दौर की बैठक पॉडगोरिका में आयोजित की गई। / Photo courtesy X/@AnwarAh63552241

भारत और दक्षिण-पूर्व यूरोपीय देश मोंटेनेग्रो के विदेश मामलों के अधिकारियों ने हाल ही में द्विपक्षीय राजनीतिक संबंध, व्यापार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आदि मसलों पर चर्चा की। 

मोंटेनेग्रो की राजधानी पॉडगोरिका में विदेश कार्यालय परामर्श (एफओसी) के तीसरे दौर की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मध्य यूरोप प्रभाग के अतिरिक्त सचिव अरुण कुमार साहू ने किया। मोंटेनिग्रो की तरफ से द्विपक्षीय मामलों के कार्यवाहक महानिदेशक महामहिम अलेक्जेंडर ड्रलजेविक ने प्रतिनिधित्व किया।

बैठक में आपसी राजनीतिक संबंध, व्यापार, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और लोगों से लोगों के बीच संपर्क आदि मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया। दोनों देशों ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहयोग समेत साझा हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मामलों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

मोंटेनेग्रो की आजादी के बाद से भारत के साथ उसकी उच्चस्तरीय बातचीत लगातार बढ़ी है। मोंटेनेग्रो की तरफ से भारत की पहली मंत्रिस्तरीय यात्रा फरवरी 2011 में हुई थी। उस समय वित्त मंत्री मिलोराड कटनिक ने नई दिल्ली की यात्रा की थी। 

इसके बाद जून 2022 में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रातिस्लावा में GLOBSEC फोरम में मोंटेनिग्रिन के राष्ट्रपति मिलो डुकोनोविच से मुलाकात की। यह चर्चा निवेश, संस्कृति, पर्यटन और नवीकरणीय ऊर्जा में सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित थी।

दोनों देशों ने जुलाई 2009 में पॉडगोरिका में आयोजित पहले विदेश कार्यालय परामर्श (एफओसी) के साथ राजनयिक ढांचे को औपचारिक रूप दिया। इससे निरंतर बातचीत और सहयोग का मार्ग प्रशस्त हुआ। परामर्श का अगला दौर अब नई दिल्ली में आयोजित करने पर सहमति बनी है। 

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