नए साल के पहले दिन भारत और पाकिस्तान ने अपने-अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की लिस्ट एक दूसरे को सौंपी है। इसके पीछे की वजह यह सामने आई है कि तीन दशक से अधिक समय से जारी सिलसिले को बरकरार रखते हुए दोनों देशों ने द्विपक्षीय समझौते के तहत पड़ोसी धर्म के तहत यह कदम उठाया है। बुधवार को दोनों देशों ने एक-दूसरे को अपने-अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की लिस्ट साझा की। बताया जा रहा है कि यह कार्य एक-दूसरे पर हमले न करने के समझौते के तहत किया गया है।
1991 में लागू हुआ था समझौता
जानकारी के लिए बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच यह समझौता 31 दिसंबर 1988 को हस्ताक्षरित किया गया था और 27 जनवरी 1991 को लागू हुआ। प्रावधान के तहत भारत और पाकिस्तान पहली जनवरी को समझौते के तहत अपने परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं के बारे में एक-दूसरे को सूचित करते हैं। दोनों देशों के बीच ऐसी सूचियों को आदान-प्रदान करने का यह लगातार 34वां आदान-प्रदान है। दोनों ने एक-दूसरे को सबसे पहले 1 जनवरी 1992 को लिस्ट सौंपी थी।
कॉन्सुलर एक्सेस 2008 पर द्विपक्षीय समझौते के प्रावधानों के तहत, ऐसी सूचियों का आदान-प्रदान हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को किया जाता है।
भारत के पास 381 पाकिस्तानी नागरिक कैदी
भारत ने साझा किए लिस्ट में जानकारी दी कि उसकी हिरासत में 381 पाकिस्तानी नागरिक और 81 मछुआरे कैद में हैं। इसी तरह, पाकिस्तान ने अपनी हिरासत में मौजूद 49 नागरिक कैदियों और 217 मछुआरों के नाम साझा किए हैं, जो भारतीय हैं।
पाकिस्तान में कैद भारतीयों की वापसी की मांग उठाई
भारत सरकार ने पाकिस्तान की हिरासत से नागरिक कैदियों, मछुआरों और उनकी नौकाओं तथा लापता भारतीय रक्षा कर्मियों की शीघ्र रिहाई और स्वदेश वापसी का आह्वान किया है। पाकिस्तान से उन 183 भारतीय मछुआरों और नागरिक कैदियों की रिहाई और स्वदेश वापसी में तेजी लाने को कहा गया है, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है।
इसके अलावा, पाकिस्तान को 18 नागरिक कैदियों और मछुआरों को तत्काल राजनयिक पहुंच प्रदान करने के लिए कहा गया है, जिनके बारे में माना जाता है कि वे भारतीय हैं और अब तक उन्हें राजनयिक पहुंच प्रदान नहीं की गई है।
गौरतलब है कि भारत सरकार के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप, 2014 से 2,639 भारतीय मछुआरों और 71 भारतीय नागरिक कैदियों को पाकिस्तान से वापस लाया गया है। इसमें 478 भारतीय मछुआरे और 13 भारतीय नागरिक कैदी शामिल हैं, जिन्हें 2023 से अब तक पाकिस्तान से वापस लाया गया है।
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