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तकनीक में सहयोग बढ़ाएंगे अमेरिका-भारत, सुलिवन की यात्रा में बनी सहमति

सुलिवन से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा कि भारत वैश्विक बेहतरी के लिए भारत-आईएस व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल से अहम मुलाकात की। / Image provided

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरी बार भारत का प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के दौरान अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल से मुलाकात की। दोनों ने रक्षा प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष अन्वेषण, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग, महत्वपूर्ण खनिजों सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। 

दो दिवसीय यात्रा पर गए सुलिवन ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ भी बैठक की। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से भी मुलाकात की, जिन्होंने एक्स पर लिखा कि भारत वैश्विक बेहतरी के लिए भारत-आईएस व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।



डोभाल और सुलिवन ने दिल्ली में महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों (आईसीईटी) पर भारत-अमेरिका पहल की दूसरी बैठक की सह-अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने 'रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी' के अगले अध्याय पर चर्चा की। उन्होंने प्रौद्योगिकी संरक्षण टूलकिट के महत्व को रेखांकित किया और चिंता वाले देशों तक संवेदनशील एवं दोहरे उपयोग वाली तकनीक को पहुंचने से रोकने का संकल्प लिया।

दूसरी बैठक के दौरान प्रमुख रूप से ये विषयों चर्चा के केंद्र में रहे-

1. डिफेंस इनोवेशन और औद्योगिक सहयोग
· इसमें एमक्यू-9बी प्लेटफॉर्म्स के भारत के नियोजित अधिग्रहण और लैंड वारफेयर सिस्टम के संभावित सह-उत्पादन पर बातचीत हुई। 
· अन्य उत्पादन कार्यक्रमों में प्रगति पर चर्चा, जिसमें जीई एयरोस्पेस और एचएएल प्रोजेक्ट शामिल रहा, जिसके तहत भारत के लड़ाकू बेड़े के लिए इंजन बनाए जाने हैं।

2. सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला
· सटीक मार करने वाले गोला बारूद और सुरक्षा केंद्रित इलेक्ट्रॉनिक्स प्लेटफार्म के लिए सेमीकंडक्टर डिजाइन और मैन्यूफैक्चरिंग के विकास के लिए रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा।
· साझेदारी का उद्देश्य जल्दी पूरा होने वाले अवसरों की पहचान और उद्योग समूहों के बीच सहयोग से कॉम्प्लिमेंट्री सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के दीर्घकालिक विकास का सपोर्ट करना है।

3. नागरिक एवं रक्षा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी
· इसके तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर नासा और इसरो के अंतरिक्ष यात्रियों के बीच पहले संयुक्त प्रयास के तहत एक कैरियर तैयार किया जाना है।
· अंतरिक्ष में आवागमन को सुलभ बनाने के लिए मानवयुक्त अंतरिक्ष यान पर सहयोग के लिए रणनीतिक ढांचे पर चर्चा की गई।
· नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार के प्रक्षेपण की तैयारी की समीक्षा की गई। यह संयुक्त रूप से विकसित उपग्रह है जिसका उद्देश्य हर 12 दिनों में दो बार पूरी पृथ्वी की सतह का मैप तैयार करना है। 
· मई 2024 में पेंटागन में आयोजित दूसरे एडवांस डोमेन रक्षा संवाद के माध्यम से रक्षा अंतरिक्ष सहयोग को मजबूत किया गया था। इसमें भारत-अमेरिका अंतरिक्ष टेबलटॉप अभ्यास और कृत्रिम बुद्धिमत्ता सहित उभरते डोमेन पर द्विपक्षीय विशेषज्ञ आदान-प्रदान शामिल रहा।

4. स्वच्छ ऊर्जा एवं महत्वपूर्ण खनिज
· खनिजों की सुरक्षा में साझेदारी के तहत भारत की महत्त्वपूर्ण भूमिका को बढ़ावा देना, जिसमें दक्षिण अमेरिका में लिथियम संसाधन परियोजना और अफ्रीका में दुर्लभ मृदा भंडार में सह-निवेश शामिल है।
· उन्नत सामग्री अनुसंधान एवं विकास में अमेरिकी और भारतीय विश्वविद्यालयों, राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं और निजी क्षेत्र के अनुसंधानकर्ताओं के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए भारत-यूएस उन्नत सामग्री अनुसंधान एवं विकास मंच की स्थापना।

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