अमेरिका में आने वाले विदेशी छात्रों के मामले में भारत ने 15 साल में पहली बार चीन को पीछे छोड़ दिया है। भारत अब अमेरिका में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय छात्र भेजने वाला देश बन गया है।
2024 की ओपन डोर्स रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 शैक्षणिक वर्ष में भारत के 331,602 छात्रों ने अमेरिकी संस्थानों में दाखिला लिया। यह पिछले वर्ष की तुलना में 23 प्रतिशत अधिक है। इस दौरान चीन के छात्रों की नामांकन 4 प्रतिशत गिरकर 277,398 रह गया।
अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा वित्त पोषित इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन (आईआईई) की रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका में पढ़ने आए कुल अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से आधे से अधिक भारत और चीन के हैं। भारत की संख्या में यह उछाल स्नातक कोर्सों और एसटीईएम क्षेत्रों में मजबूत रुझान की वजह से आई है। अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से 56 प्रतिशत इन्हीं कोर्सों की पढाई करने आए हैं।
शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्रों का कुल नामांकन रिकॉर्ड 11 लाख पहुंच गया, जो कि पिछले साल से 7 प्रतिशत अधिक है। यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 50 बिलियन डॉलर से अधिक का योगदान देता है।
आंकड़ों के मुताबिक, स्नातक छात्रों की संख्या 8 प्रतिशत से अधिक यानी 502,291 और ऑप्शनल प्रेक्टिकल ट्रेनिंग (OPT) के प्रतिभागियों की संख्या 22 प्रतिशत बढ़कर 242,782 हो गई। स्नातक कोर्सों में नामांकन 342,875 पर स्थिर रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार कैलिफोर्निया, न्यूयॉर्क और टेक्सास में सबसे अधिक अंतरराष्ट्रीय छात्रों ने दाखिला लिया। मिसौरी जैसे मिडवेस्टर्न राज्यों में भी महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई। इतना ही नहीं 2022-23 में अमेरिकी स्टडी अब्रॉड भागीदारी 49 प्रतिशत बढ़कर 280,716 हो गई। इसमें इटली, यूके, स्पेन और फ्रांस शीर्ष गंतव्य के रूप में उभरे हैं।
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