भारत के सबसे बड़े ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC) निर्माता हिमाचल फ्यूचरिस्टिक कम्युनिकेशंस लिमिटेड (एचएफसीएल) ने पोलैंड में अपना मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट लगाने की घोषणा की है। यह ऐलान हाल ही में बर्लिन में यूरोप के सबसे बड़े फाइबर ऑप्टिक्स एक्सपो FTTH कॉन्फ्रेंस में किया गया।
एचएफसीलए के नए प्लांट की लोकेशन काफी अहम है। इससे उसे पोलैंड के अलावा यूके, जर्मनी, बेल्जियम, फ्रांस जैसे यूरोपीय बाजारों में अपना विस्तार करने में मदद मिल सकती है। उसे यूरोप में 60 से ज्यादा अपने ग्राहकों को त्वरित सेवाएं देने में भी आसानी रहेगी क्योंकि वहां मैन्यूफैक्चरिंग से उसकी ट्रांसपोर्ट का समय और लागत दोनों बचेंगे। अभी वहां तक माल पहुंचाने में अमूमन छह हफ्ते लगते हैं।
कंपनी का पोलैंड प्लांट अत्याधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस होगा। उसकी शुरुआती क्षमता 32.5 लाख फाइबर किलोमीटर होगी, जिसे 70 लाख फाइबर किलोमीटर तक बढ़ाने का लक्ष्य है। इस प्लांट पर कंपनी शुरू में 144 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रही है।
विश्लेषकों का मानना है कि यूरोप का ऑप्टिकल फाइबरर केबल मार्केट अगले पांच वर्षों में 4.5 प्रतिशत सालाना की दर से वृद्धि करेगा। 2028 तक वहां पर अनुमानित डिमांड 90 मिलियन फाइबर किलोमीटर होने की संभावना है। फाइबर टु द होम काउंसिल का अनुमान है कि यूरोपीय रीजन में 2028 तक 308 मिलियन घरों तक एफटीटीएच कनेक्टिविटी होगी।
एचएफसीएल के एमडी महेंद्र नाहटा ने इस मौके पर कहा कि पोलैंड में प्लांट की स्थापना ग्राहकों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने की हमारी प्रतिबद्धता दिखाता है। हमारा यह कदम यूरोप को भविष्य में गीगाबाइट कनेक्टिविटी के विजन को सुलभ बनाने में मदद करेगा।
गौरतलब है कि एचएफसीएल भारत का सबसे बड़ा ऑप्टिकल फाइबर मेकर है। हिमाचल फ्यूचरिस्टिक कम्युनिकेशंस लिमिटेड की स्थापना 1987 में की गई थी। इसके हैदराबाद, चेन्नई, होसूर, गोवा और सोलन में प्लांट हैं। इसकी सालाना क्षमता 25 मिलियन फाइबर किलोमीटर है, जिसे जल्द ही 34.75 फाइबर किमी तक बढ़ाने की तैयारी चल रही है। कंपनी के बेंगलुरू और गुरुग्राम में दो आरएंडडी सेंटर हैं।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login