भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नरेंद्र मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट मंगलवार को पेश किया। इसमें उन्होंने मौजूदा वित्त वर्ष में 576 अरब डॉलर की खर्च योजनाओं का खुलासा किया, जो अंतरिम बजट के अनुमानों से थोड़ा अधिक है। इसका उद्देश्य दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था में मैन्यूफैक्चरिंग और नौकरियों को बढ़ावा देना है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी की गठबंधन सरकार को सहारा देने वाले दो प्रमुख सहयोगी राज्यों बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए कई नए कार्यक्रमों की घोषणा करते हुए कहा कि सरकार ग्रामीण विकास पर 2.66 ट्रिलियन रुपये (32 अरब डॉलर) खर्च करेगी। मोदी की बीजेपी सरकार पिछले महीने हुए आम चुनाव में अपने दम पर बहुमत पाने में नाकाम रही, जिससे उसे सरकार बनाने के लिए क्षेत्रीय दलों पर निर्भर होना पड़ा है।
इस बजट में 48.21 ट्रिलियन रुपये के बजट खर्च का अनुमान पेश किया गया है, जो फरवरी में पेश अंतरिम बजट के 47.66 ट्रिलियन रुपये से 1.2% अधिक है। इससे केंद्रीय बैंक से लाभांश के बम्पर हस्तांतरण से मदद मिली थी जबकि राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी के 4.9% तक कम हो गया था। सीतारमण ने कहा कि सरकार अगले पांच वर्षों में रोजगार सृजन के लिए 2 ट्रिलियन रुपये (24 बिलियन डॉलर) आवंटित करेगी।
बजट की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
आर्थिक विकास
* 2024-25 में नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ साल दर साल बेसिस पर 10.5% रहने का अनुमान है, जो 2023-24 में 9.6% थी।
* सरकार निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे में निवेश पर फोकस करेगी।
* ग्लोबल अनिश्चितताओं की वजह से अल्पकालिक विकास संभावनाओं के लिए जोखिम पैदा हो गया है।
राजकोषीय घाटा
* 2024-25 में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य फरवरी के अंतरिम बजट के 5.1% से घटाकर सकल घरेलू उत्पाद का 4.9% कर दिया गया है।
* वित्त वर्ष 2026 तक राजकोषीय घाटे को 4.5% से कम करना है।
* केंद्रीय बैंक से 2.11 ट्रिलियन रुपये (25.3 बिलियन डॉलर) का रिकॉर्ड सरप्लस राजकोषीय घाटे को कम करने में मदद करेगा।
* 2024-25 के लिए सरकार की सकल बाजार उधारी 120 अरब रुपये घटकर 14.01 ट्रिलियन रुपये हो गई है।
* अंतरिम बजट में सरकार की शुद्ध बाजार उधारी 11.63 ट्रिलियन रुपये बताई गई है, जो अंतरिम बजट में 11.75 ट्रिलियन रुपये थी।
टैक्स में बदलाव
* निवेश आकर्षित करने के लिए विदेशी कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स की दर 40% से घटाकर 35% कर दी गई है।
* सोने और चांदी पर आयात शुल्क 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत किया गया है।
* एक साल से कम समय के लिए इक्विटी निवेश पर टैक्स की दर 15% से बढ़ाकर 20% की गई है। वहीं 12 महीने से अधिक समय तक रखे गए शेयरों के लिए 10% से बढ़ाकर 12.5% कर दी गई है।* मोबाइल फोन और उसके कुछ प्रमुख उपकरणों पर इंपोर्ट टैक्स में 20% से 15% की कटौती की गई है।
* अगले छह महीनों में आयात शुल्क ढांचे की समीक्षा करने की बात कही गई है।
रोजगार सृजन
* आम बजट में अगले 5 वर्षों में रोजगार सृजन के लिए 2 ट्रिलियन रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव है।
* कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 ट्रिलियन रुपये आवंटित किए गए हैं।
* तीन नई रोजगार से संबंधित इन्सेंटिव योजनाएं शुरू करने की घोषणा की गई है।
मुद्रास्फीति
* वित्त मंत्री ने कहा कि मुद्रास्फीति की दर कम बनी हुई है औक 4% के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है।
* खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए सप्लाई संबंधी उपाय करने का प्रस्ताव रखा गया है।
बुनियादी ढांचे में निवेश
* बुनियादी ढांचे के लिए कैपेक्स आउटले 11.1 ट्रिलियन रुपये (133 बिलियन डॉलर) या जीडीपी के 3.4% के अंतरिम बजट के लक्ष्य के बराबर ही रखा गया है।
* बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए राज्यों को दीर्घकालिक ऋण के लिए 1.5 ट्रिलियन रुपये का प्रस्ताव है।
व्यय योजनाएं
* खाद्य, उर्वरक सहित प्रमुख सब्सिडी के लिए 3.81 ट्रिलियन रुपये यानी जीडीपी के 1.2% आवंटन का अनुमान लगाया गया है।
* ब्याज भुगतान पर 11.63 ट्रिलियन रुपये यानी जीडीपी का 3.6% खर्च अनुमानित है।
* मोदी सरकार के सबसे बड़े सहयोगी टीडीपी शासित आंध्र प्रदेश राज्य को बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के जरिए विशेष वित्तीय सहायता के रूप में 150 अरब रुपये आवंटित किए गए हैं।
* संकट के दौरान छोटे और मध्यम श्रेणी के व्यवसायों को ऋण सहायता देने का ऐलान हुआ है।
* 12 औद्योगिक पार्कों की स्थापना में मदद का प्रस्ताव वित्त मंत्री ने रखा है।
* छोटे और मझोले व्यवसायों के लिए छोटे ऋण की सीमा बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का प्रस्ताव है।
* अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए 10 अरब रुपये का वेंचर कैपिटल फंड स्थापित करने की घोषणा हुई है।
ग्रामीण विकास
* ग्रामीण विकास के लिए 2.66 ट्रिलियन रुपये (32 अरब डॉलर) का प्रावधान किया गया है।
* शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 3 करोड़ किफायती आवास इकाइयों के लिए सरकारी सहायता देने का प्रस्ताव है।
शहरी विकास
* अगले पांच वर्षों में किफायती शहरी आवास के लिए 2.2 ट्रिलियन रुपये (26 बिलियन डॉलर) की मदद केंद्र सरकार से देने का प्रस्ताव है।
* सरकार ने छोटे परमाणु रिएक्टर विकसित करने के लिए निजी सेक्टर के साथ साझेदारी करने की बात कही है।
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