ADVERTISEMENTs

प्रवासियों के सामने आने वाली चुनौतियों को लेकर क्या कहती है विलियम रसेल की रिपोर्ट

अध्ययन में यह भी बताया गया है कि भारत में स्थानांतरित होने के इच्छुक लोगों के लिए कम से कम तीन वैक्सिनेशन की जरूरत होती है। इनमें खसरा-कण्ठमाला-रूबेला (एमएमआर), हेपेटाइटिस ए, टेटनस और टाइफाइड शामिल हैं।

सर्वे के मुताबिक भारत की वीजा प्रक्रिया एक बड़ी फीस की मांग करती है। / @Ashim

इंश्योरेंस प्रोवाइडर विलियम रसेल द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन में पता चला है कि भारत प्रवासियों के लिए पुनर्वास होने के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण देश के रूप में उभरा है। देश सबसे कठिन रोजगार वीजा प्रक्रियाओं वाले 30 देशों की सूची में सबसे ऊपर है। अध्ययन ने प्रत्येक देश में प्रवास की समग्र कठिनाई को तय करने के लिए प्रवासी आबादी, वीजा डेटा और भाषा आवश्यकताओं जैसे फैक्टर का विश्लेषण किया।

अध्ययन के निष्कर्षों के अनुसार, चुनौतीपूर्ण पुनर्वास के मामले में ऑस्ट्रेलिया और फिनलैंड भारत के बाद आते हैं। ऑस्ट्रेलिया 1,570 (लगभग यूएस 1,990.59 डॉलर) की हाई वीजा फीस की मांग करता है। फिनलैंड आवेदकों के लिए लगभग 56 लाख रुपये की उच्च कमाई सीमा तय करता है। हालांकि यह देश EU ब्लू कार्ड पेश करता है।

अध्ययन में बताया गया है कि भारत की आबादी का केवल 0.4 प्रतिशत देश के बाहर पैदा हुआ है, जो देश जाने वाले लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों का संकेत देता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में किसी देश में रहने वाले निर्वासितों की संख्या को देखते हुए हमें एक सामान्य विचार मिलता है कि लोगों के लिए वहां जाना कितना आसान है और निर्वासितों के लिए यह कितना आकर्षक है।

इसके अलावा भारत की वीजा प्रक्रिया एक बड़ी फीस की मांग करती है, जिससे यह संभावित प्रवासियों के लिए एक बाधा बन जाती है। अध्ययन में यह भी बताया गया है कि भारत में स्थानांतरित होने के इच्छुक लोगों के लिए कम से कम तीन वैक्सीनेशन की जरूरत होती है। इनमें खसरा-कण्ठमाला-रूबेला (एमएमआर), हेपेटाइटिस ए, टेटनस और टाइफाइड शामिल हैं। कुछ यात्रियों को हैजा, हेपेटाइटिस बी, जापानी एन्सेफलाइटिस, रेबीज और टीबी के खिलाफ टीकाकरण की भी आवश्यकता हो सकती है।

वीजी प्रोसेसिंग समय के मामले में भारत अपनी क्षमता के साथ खड़ा है। आवेदनों को प्रोसेस करने में लगभग 10 से 15 दिन लगते हैं। इसके विपरीत, कनाडा में सबसे लंबा समय लगता है, जो 10 से 11 महीने के बीच है। ऑस्ट्रेलिया में आमतौर पर चार से आठ महीने लगते हैं। फिनलैंड का 90 दिन लगाता है। अध्ययन के मुताबिक 2010 में भारत पहले से ही चीन के बाद विश्व स्तर पर प्रवासियों के लिए दूसरे सबसे चुनौतीपूर्ण स्थान के रूप में उभरा था।

यह प्रवृत्ति भारत में रोजगार के अवसरों की तलाश करने वाले व्यक्तियों द्वारा लगातार चुनौतियों का सामना करने को दिखाती है। यहां तक कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां देश और व्यापक उभरती अर्थव्यवस्थाओं में अपनी उपस्थिति का विस्तार करना जारी रखती हैं। दूसरी तरफ, हंगरी, माल्टा और ऑस्ट्रिया को उन देशों के रूप में पहचाना गया जो स्थानांतरित करने के इच्छुक प्रवासियों के लिए अधिक सरल प्रक्रिया प्रदान करते हैं।

 

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video

 

Related