भारत और चीन ने बुधवार को बीजिंग में भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र कायम करने के वास्ते 29वें दौर की बैठक की। जानकारी के मुताबिक वरिष्ठ भारतीय और चीनी राजनयिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के लद्दाख सेक्टर में गतिरोध पर बीजिंग में एक और दौर की बातचीत की मगर इसमें किसी तरह की कारगर बात सामने नहीं आ सकी। अलबत्ता नियमित संपर्क बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की गई है।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में LAC के साथ पूर्ण सैन्य वापसी और शेष मुद्दों को हल करने के बारे में विचारों का गहन आदान-प्रदान किया। किसी सफलता के अभाव में दोनों पक्ष राजनयिक और सैन्य रास्तों के माध्यम से नियमित संपर्क बनाए रखने और मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार सीमावर्ती क्षेत्रों में जमीन पर शांति बनाए रखने की आवश्यकता पर सहमत हुए। दोनों पक्षों के बीच क्या संवाद हुआ इसका अधिक खुलासा नहीं हो सका।
भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र की 29वीं बैठक के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) ने किया। चीनी विदेश मंत्रालय के सीमा एवं महासागरीय विभाग के महानिदेशक ने चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।
जून 2020 में लद्दाख क्षेत्र की गलवां घाटी भारत और चीन के बीच बढ़े तनाव का केंद्र बिंदु बन गई थी। स्थिति तब और बिगड़ गई जब गलवां घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई। इस झड़प में दोनों पक्षों के लोग हताहत हुए। टकराव में कई मौतें हुईं। दोनों देशों के बीच दशकों में चले आ रहे सीमा विवाद में गलवां की झड़प सबसे गंभीर थी और उस समय हालात खासे नाजुक और चिंताजनक हो गये थे।
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