भारत को संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ECOSOC) के महत्वपूर्ण सहायक निकायों की सदस्यता हासिल करने में कामयाबी मिली है। इन निकायों में संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकीय आयोग, नारकोटिक ड्रग्स पर आयोग और HIV/AIDS (UNAIDS) पर जॉइंट यूएन कार्यक्रम के कार्यक्रम समन्वय बोर्ड शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग की सदस्यता मिलना इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि दो दशक के अंतराल के बाद भारत की इस अहम निकाय में वापसी हुई है। यह आयोग वैश्विक सांख्यिकीय गतिविधियों पर प्रमुख प्राधिकरण के रूप में कार्य करता है और सांख्यिकी क्षेत्र में मानक स्थापित करने में अहम भूमिका निभाता है।
India remains steadfast in its commitment to actively engage in the discourse within these UN bodies, upholding the principle of 'Vasudhaiva Kutumbakam' — the world is one family. This guiding philosophy underscores our dedication to contributing constructively &… https://t.co/KyNp4C3P05
— Ruchira Kamboj (@ruchirakamboj) April 10, 2024
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि आधिकारिक आंकड़ों को संभालने में भारत का व्यापक अनुभव है, खासतौर से विविध जनसांख्यिकीय परिदृश्य से जुड़े आंकड़ों से। ऐसे में उम्मीद है कि हम आयोग के विचार-विमर्श को समृद्ध करने और इसके कामकाज में प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
भारत को इससे पहले 2025-29 तक के लिए महिलाओं की स्थिति पर यूएन कमीशन के अलावा संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ), संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP), संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) और संयुक्त राष्ट्र परियोजना सेवा कार्यालय (UNOPS) के कार्यकारी बोर्डों में भी चुना जा चुका है।
इतना ही नहीं, भारत 2025-27 की अवधि के लिए लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तिकरण पर संयुक्त राष्ट्र की इकाई (यूएन महिला) के कार्यकारी बोर्ड और विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के कार्यकारी बोर्ड में भी शामिल है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि भारत 'वसुधैव कुटुम्बकम' के सिद्धांत को बरकरार रखते हुए संयुक्त राष्ट्र की इन संस्थाओं में सक्रिय रूप से संवाद में शामिल होने को लेकर प्रतिबद्ध है।
उन्होंने आगे कहा कि भारत का यह मार्गदर्शक सिद्धांत वैश्विक विचार विमर्श में रचनात्मक एवं सहयोगात्मक योगदान, एकता की भावना को बढ़ावा देने और सबकी भलाई के लिए साझा जिम्मेदारी के प्रति हमारे समर्पण को रेखांकित करता है।
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