इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (ईआईयू) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल बिजनेस के माहौल के मामले में भारत ने उल्लेखनीय स्थान हासिल किया है। बिजनेस के माहौल को लेकर सबसे बेहतर देशों की सूची में भारत तीसरे स्थान पर आ गया है।
इम्प्रूव्ड बिजनेस डेस्टिनेशंस की लिस्ट में भारत की स्थिति में सुधार का मतलब है कि वहां बिजनेस करना अब पहले से कहीं ज्यादा अनुकूल और आसान हो गया है। इस सुधार की प्रमुख वजह बड़ी युवा आबादी, मजबूत मांग और आसानी से उपलब्ध श्रम शक्ति है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के बाजार में चीन की तरह ही अनूठी क्षमता मौजूद है। यहां प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए माहौल अनुकूल है। 2024 से लेकर 2028 के बीच मजबूत आर्थिक विकास का अनुमान भी इसे आकर्षक इनवेस्टमेंट डेस्टिनेशन बनाता है। यह दिखाता है कि चीन से परे मैन्यूफैक्चरिंग डेस्टिनेशन तलाश रही कंपनियों के लिए भारत व्यापार का एक अच्छा स्थल बन गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत इकलौता ऐसा बाजार है, जो चीन की तुलना में पर्याप्त संभावनाएं मौजूद हैं। भारत में मौजूद युवाओं की बड़ी आबादी, बाजार की बड़ी मांग और कामगारों की अच्छी उपलब्धता इसे और आकर्षक बना देती है।
कारोबारी माहौल रैंकिंग (बीईआर) में भारत के साथ-साथ ग्रीस ने भी पर्याप्त प्रगति हासिल की है। वहां इसका श्रेय कारोबार समर्थक सरकार के नीतिगत सुधारों को दिया जा रहा है। इसी तरह, अर्जेंटीना ने भी सुधार वाले देशों की सूची में जगह बनाई है जो नए राष्ट्रपति जेवियर मिलेई के मुक्त बाजार की पहल से प्रेरित हैं।
वैश्विक स्तर पर व्यापार के मामले में सिंगापुर, डेनमार्क और अमेरिका ने टॉप-3 देशों की स्थिति बरकरार रखी है। सिंगापुर के प्रभुत्व की प्रमुख वजह वहां की राजनीतिक स्थिरता और प्राइवेट सेक्टर की तकनीकी क्षमता बढ़ाने के ठोस उपाय हैं।
इस लिस्ट में जर्मनी और स्विट्जरलैंड को चौथा और पांचवां स्थान मिला है। कनाडा, स्वीडन, न्यूजीलैंड, हांगकांग और फिनलैंड ने टॉप 10 में जगह बनाई है। यह दिखाता है कि वहां कारोबार के अनुकूल माहौल में सुधार हो रहा है।
ईआईयू ने 82 देशों और क्षेत्रों में कारोबारी वातावरण के आकर्षण को पैमाना बनाकर यह मूल्यांकन किया है। इसमें मुद्रास्फीति, जीवन यापन की लागत, आर्थिक विकास और राजकोषीय नीतियों जैसे कारकों को ध्यान में रख गया है। कारोबारियों और नीति निर्माताओं को यह रिपोर्ट वैश्विक रुझानों और आर्थिक विकास के अवसरों को समझने का टूल मानी जाती है।
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