भारत ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र (UN) के 'ऑनर रोल' में जगह बनाकर अपनी वैश्विक जिम्मेदारी और वित्तीय अनुशासन को साबित किया है। यह सूची ऐसे देशों को मान्यता देती है, जो संयुक्त राष्ट्र को अपनी नियमित बजट देनदारियों का भुगतान 30 दिन की तय समयसीमा के अंदर करते हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा हर साल दिसंबर के महीने में यूएन के नियमित बजट को मंजूरी देती है। प्रत्येक सदस्य राष्ट्र को महासभा द्वारा अनुमोदित एसेसमेंट स्केल के आधार पर भुगतान करना होता है। जनवरी की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र संबंधित देशों को पेमेंट नोट जारी करता है जिसे 30 दिनों के अंदर चुकाना होता है। यह समय-सीमा संयुक्त राष्ट्र के फाइनेंशियल रेग्युलेशन 3.5 के तहत निर्धारित की गई है। है।
भारत ने लगातार इस समयसीमा का पालन किया है और यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर में निहित सिद्धांतों एवं उद्देश्यों के प्रति उसकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके साथ ही यह संयुक्त राष्ट्र की वित्तीय स्थिरता एवं संचालन प्रभावशीलता को बनाए रखने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित करता है।
भारत का नाम यूएन के 'ऑनर रोल' में लगातार शामिल होना यह साबित करता है कि वह अंतरराष्ट्रीय संगठनों में अपनी जिम्मेदारी को लेकर गंभीर है। भारत की यह तत्परता वैश्विक स्तर पर उसकी आर्थिक निष्ठा, कूटनीतिक विश्वसनीयता और दायित्व निभाने का सबूत है।
भारत हमेशा से संयुक्त राष्ट्र और अन्य बहुपक्षीय संगठनों को समय पर वित्तीय योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। यह योगदान केवल वित्तीय स्थिरता बनाए रखने तक सीमित नहीं है बल्कि इससे यूएन की विभिन्न विकासशील परियोजनाओं, शांति अभियानों और मानवीय सहायता कार्यक्रमों के प्रभावी संचालन में भी मदद मिलती है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की यह उपलब्धि वैश्विक मंच पर उसकी बढ़ती साख और प्रभाव को दर्शाती है, साथ ही उसकी स्थायी एवं जिम्मेदार सदस्यता का भी सबूत है।
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