भारतीय मूल की नासा अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष से भारतीय उपमहाद्वीप के दृश्य को "अद्भुत" बताया। अपनी पहली पोस्ट-मिशन प्रेस ब्रीफिंग में उन्होंने भारत के खूबसूरत परिदृश्य और समुद्री तटों की प्रशंसा की।
हिमालय का अद्वितीय सौंदर्य
जब उनसे पूछा गया कि अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है, तो उन्होंने कहा, "भारत अद्भुत है। हर बार जब हम हिमालय के ऊपर से गुज़रते थे, तो दृश्य अविश्वसनीय होता था। बुच (अंतरिक्ष यात्री बुच विलमोर) ने हिमालय की कुछ शानदार तस्वीरें ली हैं।"
उन्होंने हिमालय के भूगोल को विस्तार से बताते हुए कहा, "जैसे मैंने पहले भी वर्णन किया है, यह ठीक वैसे ही दिखता है जैसे किसी प्लेट के टकराने से लहरें उठी हों। यह दृश्य स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। हिमालय से नीचे भारत की ओर आते हुए, भौगोलिक परिदृश्य कई रंगों में नजर आता है।"
भारत के समुद्री तट और रोशनी से जगमगाते शहर
भारत के पश्चिमी समुद्री तटों की सुंदरता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, "गुजरात और मुंबई के पास समुद्र तटों का दृश्य बेहद आकर्षक था। वहां की मछली पकड़ने वाली नौकाएं समुद्र में एक तरह की प्रकाश किरण का निर्माण करती हैं, जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि हम भारत के पास आ रहे हैं।"
रात में भारत के शहरों की रोशनी के बारे में उन्होंने कहा, "रात में यह एक चमकते हुए नेटवर्क की तरह दिखता है, जहां बड़े शहरों से छोटी बस्तियों तक रोशनी की कड़ी फैली हुई नजर आती है। दिन में देखने पर भी यह दृश्य अद्भुत लगता था।"
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भारत आने की उत्सुकता
सुनीता विलियम्स ने अपने पिता के देश भारत में लौटने और वहां के बढ़ते अंतरिक्ष कार्यक्रम में योगदान देने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से मैं अपने पिता के देश वापस जाऊंगी और वहां के लोगों से मिलूंगी। मैं भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का हिस्सा बनना पसंद करूंगी और उसे आगे बढ़ाने में मदद करना चाहूंगी।"
पृथ्वी पर लौटने के बाद की पहली प्रतिक्रियाएं
अंतरिक्ष से पृथ्वी पर लौटने के अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा, "मैं सबसे पहले अपने पति और कुत्तों को गले लगाना चाहती थी।" अपनी पहली वापसी वाली भोजन को लेकर उन्होंने बताया कि उन्होंने ग्रिल्ड चीज़ सैंडविच खाया, जिससे उन्हें अपने शाकाहारी पिता की याद आ गई।
9.5 महीने का लंबा अंतरिक्ष प्रवास
सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर ने स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन के ज़रिए 18 मार्च को समुद्र में सफल लैंडिंग की। वे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में साढ़े नौ महीने तक रहे, जो कि उनके मूल रूप से निर्धारित 8 दिन के स्टारलाइनर परीक्षण मिशन से कहीं अधिक था।
स्टारलाइनर मिशन की चुनौतियां और भविष्य
उन्होंने स्वीकार किया कि स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में कुछ चुनौतियाँ थीं, लेकिन इसकी संभावनाओं को लेकर वे आशान्वित हैं। बुच विलमोर ने कहा, "हम इसे सुधारेंगे और इसे सफल बनाएंगे।"
सुनीता ने भी भरोसा जताते हुए कहा, "यह एक शानदार अंतरिक्ष यान है, जिसमें अन्य यानों की तुलना में कई विशेष क्षमताएँ हैं। इस कार्यक्रम का हिस्सा बनना मेरे लिए सम्मान की बात है।"
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