भारत के वाणिज्य मंत्री ने अमेजन और अन्य दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियों पर प्रीडेटरी प्राइस प्रैक्टिस अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इस सेक्टर की तेज वृद्धि से देश के लाखों दुकानदारों का नुकसान नहीं होना चाहिए।
बता दें कि प्रीडेटरी प्राइस का मतलब वस्तुओं या सेवाओं की ऐसी कीमत ऑफर करने से होता है, कि दूसरी कंपनियां उस दाम पर अपना सामान नहीं बेच सकती और बाजार छोड़ने को मजबूर हो जाती हैं।
अमेजन और वॉलमार्ट के फ्लिपकार्ट ने हाल के वर्षों में भारत के रिटेल सेक्टर को नया आकार दिया है। दोनों कंपनियों ने अपने विस्तार और उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए अरबों डॉलर का निवेश किया है। ये कंपनियां ग्राहकों को आकर्षक छूट प्रदान करती हैं।
भारतीय नियम अमेजन और फ्लिपकार्ट को सामान स्टॉक करने और उपभोक्ताओं को सीधे बेचने से रोकते हैं। ये केवल अन्य विक्रेताओं के उत्पादों को अपने प्लेटफॉर्म पर बेच सकते हैं। हालांकि छोटे खुदरा विक्रेता इन पर अक्सर जटिल बिजनेस स्ट्रक्चर का इस्तेमाल करके नियमों को दरकिनार करने का आरोप लगाते रहे हैं।
भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अमेजन के बिजनेस प्रैक्टिस का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में कंपनी के निवेश का इस्तेमाल अक्सर उसके कारोबारी नुकसान की भरपाई के लिए किया जाता है। गोयल ने हालांकि इस आरोप से संबंधित कोई सबूत नहीं दिया।
पीयूष गोयल ने एक कार्यक्रम में कहा कि जब अमेजन कंपनी कहती है कि हम भारत में एक अरब डॉलर निवेश करने जा रहे हैं तो हम सभी जश्न मनाते हैं। हम यह भूल जाते हैं कि ये अरबों डॉलर किसी बड़ी सेवा के लिए नहीं आ रहे हैं क्या इनके नुकसान से आपको किसी प्रीडेटरी प्राइसिंग की गंध नहीं आती है... वह नुकसान किस लिए था। उन्हें ग्राहकों को सीधे सामान बेचने की अनुमति नहीं है।
रॉयटर्स ने अमेजन और फ्लिपकार्ट से इस बारे में कमेंट्स मांगे लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। गौरतलब है कि अमेजन और फ्लिपकार्ट भारत में एंटी ट्रस्ट इनवेस्टिगेशन का भी सामना कर रही हैं। हालांकि दोनों कोई भी गलत काम करने से इनकार करती रही हैं।
अमेजन ने पिछले साल जून में कहा था कि वह 2030 तक भारत में अपना निवेश बढ़ाकर 26 अरब डॉलर करेगी जिसमें क्लाउड कारोबार भी शामिल होगा। वह 2025 तक भारत से 20 अरब डॉलर के मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट की भी उम्मीद कर रही है।
पीयूष गोयल ने पहले भी सार्वजनिक रूप से अमेरिकी ई-कॉमर्स दिग्गज कंपनियों पर निशाना साधा था। 2021 में उन्होंने कहा था कि ये कंपनियां अपने विस्तारित बाजार और कम लागत वाली पूंजी तक बड़ी पहुंच का उपयोग मॉम-एंड-पॉप स्टोर्स को नुकसान पहुंचाने के लिए कर रही हैं जो कि कानूनों का स्पष्ट उल्लंघन है।
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