भारत ने अपने प्रमुख हवाई अड्डों को विश्व मानकों के मुताबिक सेवा-सुविधाओं के लैस करने की कोशिशें तेज कर दी हैं। जानकारी के अनुसार भारत अपने प्रमुख हवाई अड्डों के संचालन को दुनिया के सबसे लोकप्रिय और कुशल हवाई अड्डों द्वारा अपनाए जाने वाले श्रेष्ठ श्रेणी के यात्रा मानदंडों के हिसाब से तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
बीते कुछ सप्ताह में खराब मौसम के चलते कई उड़ानों के संचालन में बाधा आई। इससे यात्रियों को ढेर सारी परेशानियों का तो सामना करना ही पड़ा विमान सेवाओं की नेगेटिव पब्लिसिटी भी हुई। परेशान यात्रियों ने सोशल मीडिय पर हवाई सेवाओं पर जमकर नाराजगी व्यक्त की। इसी कारण भारत के नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हवाई सेवाओं में सुधार और संचालन तथा सुविधाओॆं को विश्व मानकों के मुताबिक बनाने के लिए पिछले सप्ताह एक बैठक की।
भारत के नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पिछले सप्ताह प्रमुख हवाईअड्डा हितधारकों के साथ एक सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में हवाई अड्डा संचालकों, आव्रजन अधिकारियों और सुरक्षा कर्मियों के साथ लंबी चर्चा हुई। इस बैठक में हवाई सेवाओं की राह में आने वाली प्रमुख चुनौतियों की पहचान की गई और भारतीय हवाईअड्डों की दक्षता और यात्री सुविधा में सुधार के लिए कुछ प्रौद्योगिकी-संचालित समाधानों पर विचार किया गया। सेवा-सुविधाओं के लिहाज से सबसे पहले मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय 'प्रवेश द्वारों' को चिन्हित किया गया।
कुछ समाधानों पर सहज सहमति बनी। जैसे कि अधिक उपलब्धता और कम प्रतीक्षा समय सुनिश्चित करने के लिए घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय अनुभाग एक्स-रे बैगेज निरीक्षण मशीनों का परस्पर-उपयोग। सुरक्षा और आव्रजन अधिकारियों की संख्या में बढ़ोतरी को एक आवश्यक और संभावित समाधान के रूप में देखा गया।
इस बात पर आम सहमति थी कि हवाईअड्डे के आंतरिक डिजाइन में बदलाव और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए आव्रजन और सुरक्षा जांच प्रक्रिया में तेजी लाने तथा सुधार करने के लिए नई प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल करना होगा। इस लिहाज से बेंगलुरु के टर्मिनल 2 का विशेष रूप से उल्लेख किया गया जहां प्रकृति-पर्यावरण और सेवाओं का बेहतर मेल है।
हाल के सप्ताहों में बेंगलुरु के टर्मिनल 2 को 'दुनिया के सबसे खूबसूरत हवाई अड्डों' में से एक के रूप में मान्यता मिली है और इसे प्रतिष्ठित 'इंटीरियर के लिए विश्व विशेष पुरस्कार - यूनेस्को के 2023 प्रिक्स वर्सेल्स' से सम्मानित किया गया। यह पहचान हासिल करने वाला बेंगलुरु का टर्मिनल 2 एक मात्र भारतीय हवाई अड्डा है।
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