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भारतीय-अमेरिकी सीईओ का मंत्र, ये 3 चीजें सुधार ले तो भारत बन सकता है मैन्यूफैक्चरिंग का हब

न्यू इंडिया अब्रॉड से बातचीत में यंगट्रॉनिक्स की सीईओ प्रतिभा श्रीवास्तव ने कहा कि चाहे ट्रम्प हों या बाइडेन, दोनों ही सरकारों में काम करते समय उन्होंने बतौर बिजनेसवुमन कोई बड़ा अंतर महसूस नहीं किया है। 

प्रतिभा श्रीवास्तव यंगट्रॉनिक्स की सीईओ हैं। / Courtesy Photo

यंगट्रॉनिक्स की सीईओ प्रतिभा श्रीवास्तव ने अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प या जो बाइडेन सरकार के दौरान कंपनियों के कामकाज को लेकर अपनी राय रखी है। उन्होंने न्यू इंडिया अब्रॉड से बातचीत में कहा कि चाहे ट्रम्प हों या बाइडेन, दोनों ही सरकारों में काम करते समय उन्होंने कोई बड़ा अंतर महसूस नहीं किया है। 

प्रतिभा ने अपना व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब ट्रंप सरकार आई थी, तब सिर्फ टैरिफ में बदलाव आया था, वो भी अमेरिका में विनिर्माण को सपोर्ट करने के लिए। ट्रंप ने ऑफर दिया था कि अगर आपको दुनिया में कहीं से भी पार्ट्स मिल रहे हैं, चाहे वह चीन हो, एशिया या फिर यूरोप हो तो आपको एक निश्चित टैरिफ देना होगा।

प्रतिभा श्रीवास्तव 1998 में शादी करने के बाद अमेरिका आ गई थीं। वह एक सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल के रूप में अमेरिका आईं, लेकिन कुछ वर्षों के बाद हाउसवाइफ बनकर अपने बच्चों को प्राथमिकता देने का फैसला किया। करीब 10 वर्षों के बाद वह एक अलग भूमिका में पेशेवर दुनिया में लौटीं। 

उन्होंने अपने परिवार के स्वामित्व वाले इलेक्ट्रॉनिक्स असेंबली कारोबार में हाथ आजमाया, कंपनी के लिए खरीद और फाइनेंस का ध्यान रखना। अब वह यंगट्रॉनिक्स की प्रमुख हैं। नए उद्यमियों को सलाह देते हुए प्रतिभा ने कहा कि अपने ऊपर विश्वास रखो। कड़ी मेहनत के लिए तैयार रहो। अपने सपनों में निवेश करो और अनुशासित रहो। सफलता जरूर मिलेगी।

महिला उद्यमी के रूप में अपना अनुभव बताते हुए श्रीवास्तव ने कहा कि उन्हें कभी सामाजिक मुद्दों का सामना नहीं करना पड़ा। मैंने कई महिलाओं के बारे में कहानियां सुनी हैं, लेकिन व्यक्तिगत रूप से मेरे सामने ऐसी कोई चुनौती नहीं आई। उन्होंने कहा कि आप भले ही 10 पुरुषों के साथ अकेली बैठकर मीटिंग कर रही हों, लेकिन जब तक आपको अपने ऊपर विश्वास है, कोई आपको पीछे नहीं छोड़ सकता। पेशेवर स्तर पर सब बराबर हैं।

मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में कामयाब होने के लिए भारत चीन से क्या सीख सकता है, इस सवाल पर प्रतिभा ने कहा कि चीन ने अमेरिका सहित अन्य देशों के लोगों के लिए एक उदाहरण पेश किया है। चीन में बुनियादी ढांचा अच्छा है और कारोबार को सरकार का मजबूत समर्थन मिलता है। इसके अलावा चीन के कामगारों में जुनून और समर्पण है। वहां नौकरशाही के अड़ंगे भी कम हैं।

प्रतिभा ने सुझाव दिया कि विनिर्माण यूनिट लगाने के लिए कंपनियों को आकर्षित करना और सुविधाजनक बनाने के लिए भारत को तीन क्षेत्रों- बुनियादी ढांचे, कामगारों के समर्पण और ब्यूरोक्रेसी सपोर्ट में सुधार करने की जरूरत है।

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