भारत ने वैश्विक स्तर पर पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए बड़ा ऐलान किया है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने अगले दस वर्षों में 85 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 700 करोड़ रुपये) का अनुदान देने का संकल्प लिया है। यह अनुदान गुजरात के जामनगर में स्थित विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के ग्लोबल ट्रेडिशनल मेडिसिन सेंटर (जीटीएमसी) के संचालन में मदद के लिए दिया जा रहा है।
इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अरिंदम बागची और यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज व लाइफ कोर्स के सहायक महानिदेशक डॉ ब्रूस आयलवर्ड के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। बागची आयुष मंत्रालय और डॉ ब्रूस डब्ल्यूएचओ का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। यह राशि जामगर में डब्ल्यूएचओ के ग्लोबल सेंटर ऑफ ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना के लिए भारत की ओर से 250 मिलियन डॉलर के निवेश का हिस्सा है।
इस अवसर पर अरिंदम बागची ने कहा कि भारत यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज प्राप्त करने और पूरी मानवता की सेवा के उद्देश्य से वैश्विक स्तर पर ट्रडिशनल मेडिसिन सिस्टम को मजबूत करने के लिए डब्ल्यूएचओ का सपोर्ट करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत खासतौर से जामनगर स्थित वैश्विक केंद्र के जरिए सभी सदस्य देशों को लाभ पहुंचाने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
डॉ. ब्रूस आयलवर्ड ने कहा कि यह समझौता सभी धरतीवासियों के स्वास्थ्य कल्याण के लिए पारंपरिक चिकित्सा आधारित सेवाओं का विस्तार करने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ट्रडिशनल मेडिसिन को नेशनल हेल्थ सिस्टम के साथ जोड़कर हम वंचित लोगों की मदद कर सकते हैं। सभी को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए पारंपरिक चिकित्सा और ज्ञान को एकसाथ जोड़ना महत्वपूर्ण है।
यह समझौता गुजरात स्थित ग्लोबल ट्रडिशनल मेडिसिन सेंटर को वैश्विक स्वास्थ्य कल्याण के विस्तार के लिए साक्ष्य आधारित पारंपरिक पूरक एवं एकीकृत चिकित्सा (TCIM) के प्रमुख ज्ञान केंद्र के रूप में मान्यता प्रदान करता है।
WHO के GTMC सेंटर की स्थापना के लिए 25 मार्च 2022 को औपचारिक समझौता किया गया था। इससे जामनगर में पारंपरिक चिकित्सा के पहले और एकमात्र वैश्विक केंद्र का निर्माण सुनिश्चित हो सका।
बताया गया कि डब्ल्यूएचओ का जीटीएमसी अंतरिम सेंटर पहले से ही चालू है। इसका फोकस क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर है। इन प्रयासों में डब्ल्यूएचओ अकादमी और अन्य रणनीतिक भागीदारों के सहयोग से विभिन्न तरह के प्रशिक्षण प्रदान किए जाएंगे।
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