भारत सरकार ने कनाडा से इस बारे में शिकायत की है कि वैंकूवर के उसके दूतावास के अधिकारियों पर कथित तौर पर 'ऑडियो और वीडियो जासूसी' की गई और उनके निजी बातचीत को भी रोका गया। ये बात विदेश मंत्रालय (MEA) ने 28 नवंबर को संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में बताई। दरअसल, विदेश मंत्रालय से पूछा गया था कि क्या कनाडा में भारतीय राजनयिकों पर साइबर या किसी और तरह की जासूसी हो रही है।
अपने लिखित जवाब में विदेश राज्य मंत्री कीर्तिंवर्धन सिंह ने कहा, हां। हाल ही में, वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों को कनाडा के अधिकारियों ने बताया कि उन पर ऑडियो और वीडियो जासूसी की जा रही है और उनकी निजी बातचीत को भी रोका जा रहा है।
उन्होंने बताया कि भारत ने 2 नवंबर को नई दिल्ली में कनाडा के उच्चायोग में इसे लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया था। इसमें कहा गया था कि ये काम अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक नियमों के खिलाफ है और नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है।
भारत-कनाडा के बीच रिश्ते बिगड़ने की वजह पूछे जाने पर सिंह ने जवाब दिया, 'भारत के कनाडा के साथ रिश्ते पहले से ही मुश्किल रहे हैं और अब भी हैं। इसकी मुख्य वजह ये है कि कनाडा सरकार उग्रवादियों और अलगाववादियों को राजनीतिक जगह देती है। ये लोग भारत-विरोधी एजेंडा चलाते हैं और कनाडा की आजादी का गलत इस्तेमाल हिंसा फैलाने में करते हैं। इनकी हरकतों से भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को खतरा है।'
विदेश मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों के सामने आ रही मुश्किलों पर जोर दिया और कहा कि इस तरह की बातों से उनके काम करने में और भी परेशानी होगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'हमारे राजनयिक और वाणिज्य दूतावास के कर्मचारी मुश्किल हालात में काम कर रहे हैं। ये घटनाएं कूटनीतिक परंपराओं के अनुरूप नहीं हैं।' इन सुरक्षा चिंताओं के अलावा, भारत सरकार कनाडा में रहने वाले भारतीय नागरिकों, जिनमें छात्र, कामगार और निवासी शामिल हैं, के कल्याण को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
मंत्री ने भरोसा दिलाया कि कनाडा में रहने वाले भारतीयों की सुरक्षा से जुड़ी किसी भी समस्या को तुरंत कनाडाई अधिकारियों के सामने उठाया जाएगा ताकि उसका जल्द से जल्द समाधान हो सके। उन्होंने कहा, 'किसी भी मजबूत द्विपक्षीय रिश्ते के लिए एक-दूसरे की चिंताओं, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करना बहुत जरूरी है। इस संबंध में, भारत सरकार ने कनाडा सरकार से बार-बार आग्रह किया है कि वह अपनी धरती से काम करने वाले सभी भारत-विरोधी तत्वों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करे।'
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