भारतीय शेयर बाजार ने नई ऊंचाई छू ली है। सोमवार को कारोबार की शुरुआत में ही सेंसेक्स रिकॉर्ड 70 हजार के सर्वोच्च शिखर पर पहुंच गया। ये खबर ऐसे समय आई है, जब भारत हांगकांग को पीछे छोड़कर दुनिया का सातवां सबसे बड़ा शेयर बाजार बनने को तैयार है।
एक रिपोर्ट में वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ एक्सचेंज के आंकड़ों के हवाले से बताया गया है कि अक्टूबर के अंत में भारत में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर था। यह हांगकांग के 3.9 ट्रिलियन डॉलर से थोड़ा से ही पीछे है।
भारतीय इक्विटी बेंचमार्क एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स में इस साल अभी तक लगभग 14 फीसदी और निफ्टी-50 में करीब 15 फीसदी का उछाल आ चुका है। वहीं हांगकांग के बेंचमार्क हैंग सेंग इंडेक्स में 17 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। भारतीय इक्विटी बाजार 5 दिसंबर को 4 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का स्तर पार कर चुका है, जो विश्व के पांचवें सबसे बड़े इक्विटी बाजार के लिए एक मील का पत्थर है।
भारतीय स्टॉक प्राइस में हालिया उछाल की एक वजह पांच राज्यों में से तीन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी के प्रचंड प्रदर्शन और मजबूत आर्थिक संकेतों से निवेशकों के बढ़ते विश्वास को भी माना जा रहा है। जेपी मॉर्गन, मॉर्गन स्टैनली, सीएलएसए और नोमुरा कई वैश्विक ब्रोकरेज कंपनियों ने दूसरी तिमाही के अच्छे नतीजों से भारत को ओवरवेट रेटिंग दिए जाने से भी सेंटिमेंट्स में बढ़त देखी गई है।
इस उछाल ने भारतीय शेयर बाजार के लिए सातवां सबसे बड़ा स्थान हासिल करने का मंच तैयार कर दिया है , जो अभी न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज, नैस्डैक, शंघाई, यूरोनेक्स्ट, जापान, शेनझेन और हैंग सेंग से पीछे है।
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