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RBI : खाड़ी देशों की तुलना में अमेरिका और ब्रिटेन से अधिक आता है भारत में पैसा

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मार्च बुलेटिन के अनुसार भारत में कुल धन प्रेषण प्रवाह 2023-24 में 118.7 अरब डॉलर तक पहुंच गया जो 2010-11 में 55.6 अरब डॉलर की तुलना में दोगुना से भी अधिक है।

सांकेतिक तस्वीर / Reuters

भारत के धन प्रेषण (विदेश में रहने वाले भारतीय जो पैसा भारत में भेजते हैं, खासकर अपने परिजनों या निवेश के वास्ते) परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। इसमें 2023-24 में संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम सहित उन्नत अर्थव्यवस्थाओं (AE) से आने वाला धन खाड़ी देशों से आने वाले धन से अधिक हो गया है।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मार्च बुलेटिन के अनुसार भारत का आवक धन प्रेषण, जो पारंपरिक रूप से बड़े पैमाने पर खाड़ी देशों से आता था, अब अमेरिका, यूके, सिंगापुर, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया से आ रहा है।

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बुलेटिन में कहा गया है कि सर्वेक्षण के परिणाम खाड़ी देशों से AE, विशेष रूप से अमेरिका, यूके, सिंगापुर, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भारत के धन प्रेषण के प्रभुत्व में क्रमिक बदलाव को उजागर करते हैं, जो 2023-24 में आधे से अधिक धन प्रेषण के लिए जिम्मेदार थे। बुलेटिन ने इस बदलाव को प्रवासन पैटर्न में बदलाव का नतीजा बताया। यह विदेशों में कुशल भारतीय श्रमिकों की वृद्धि को दर्शाता है।

धन प्रेषण के मामले में अमेरिका अव्वल
भारत को भेजे जाने वाले धन के सबसे बड़े स्रोत के रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका ने संयुक्त अरब अमीरात को पीछे छोड़ दिया है। अमेरिका की हिस्सेदारी 2020-21 में 23.4 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 27.7 प्रतिशत हो गई।

इस बीच, संयुक्त अरब अमीरात भारत के लिए दूसरा सबसे बड़ा प्रेषण स्रोत बना रहा, जिसकी हिस्सेदारी 2020-21 में 18 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 19.2 प्रतिशत हो गई। इसी अवधि के दौरान ब्रिटेन का योगदान भी 6.8 प्रतिशत से बढ़कर 10.8 प्रतिशत हो गया।

भारत का प्रेषण 2010 से दोगुना हो गया
भारत में कुल प्रेषण प्रवाह 2023-24 में 118.7 अरब डॉलर तक पहुंच गया जो 2010-11 में 55.6 अरब डॉलर से दोगुना से भी अधिक है। बुलेटिन में कहा गया है कि शुद्ध धन प्रेषण प्राप्तियों ने बाह्य झटकों को अवशोषित करने तथा भारत के वस्तु व्यापार घाटे के लगभग आधे हिस्से का वित्तपोषण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

महाराष्ट्र अग्रणी प्राप्तकर्ता
महाराष्ट्र को 2023-24 में 20.5 प्रतिशत के साथ सबसे अधिक धन प्राप्त हुआ। हालांकि 2020-21 में यह 35.2 प्रतिशत से कम था। केरल ने करीब 10 प्रतिशत से बढ़कर 19.7 प्रतिशत के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया। इसके बाद तमिलनाडु (10.4 प्रतिशत), तेलंगाना (8.1 प्रतिशत) और कर्नाटक (7.7 प्रतिशत) का स्थान रहा।

बुलेटिन में उल्लेख किया गया है कि महाराष्ट्र, तेलंगाना और पंजाब में शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले और रोजगार के लिए यहीं रहने वाले भारतीय छात्रों की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है, जो बदलते धन प्रेषण पैटर्न में योगदान देता है।

डिजिटल धन प्रेषण में वृद्धि
रिपोर्ट ने डिजिटल लेनदेन की ओर बढ़ते बदलाव को रेखांकित किया गया है। 2023-24 में, मनी ट्रांसफर ऑपरेटरों (MTO) के माध्यम से कुल प्रेषण का औसतन 73.5 प्रतिशत डिजिटल रूप से संसाधित किया गया। बुलेटिन में उल्लेख किया गया है कि क्रॉस-बॉर्डर फास्ट पेमेंट सिस्टम के आपस में जुड़ने से ऐसे लेनदेन की आसानी और दक्षता बढ़ सकती है।

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