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मार्च 2025 में भारत की खुदरा महंगाई दर घटकर सिर्फ 3.34% पर आ गई, जो अगस्त 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है। लगातार गिरती खाद्य महंगाई ने इस गिरावट में बड़ी भूमिका निभाई है, जिससे अब भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के लिए नीतिगत ब्याज दरों में और कटौती का रास्ता खुल गया है।
खाद्य महंगाई ने दी राहत
मार्च में खाद्य महंगाई घटकर 2.69% रह गई, जो फरवरी में 3.75% थी। खास तौर पर सब्जियों के दाम में सालाना आधार पर 7.04% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि फरवरी में इनमें 1.07% की बढ़ोतरी हुई थी।
RBI ने लगातार दूसरी बार घटाया रेपो रेट
पिछले सप्ताह RBI ने लगातार दूसरी बार रेपो रेट में कटौती की थी और मौद्रिक नीति को नरम रखा। साथ ही GDP ग्रोथ का अनुमान 6.7% से घटाकर 6.5% कर दिया गया। केंद्रीय बैंक का कहना है कि यदि मौसम सामान्य रहा तो चालू वित्त वर्ष में महंगाई औसतन 4% रह सकती है।
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अब और कटौतियों की उम्मीद
IDFC फर्स्ट बैंक की अर्थशास्त्री गौरा सेन गुप्ता का कहना है, "घरेलू हालात को देखते हुए, हमें साल 2025 में कम से कम दो और दर कटौती की गुंजाइश दिखती है। अगर वैश्विक आर्थिक हालात और बिगड़े, तो तीसरी कटौती भी संभव है।"
मौसम और वैश्विक अनिश्चितताओं पर निगाह
RBI ने चेताया है कि वैश्विक बाजारों की अनिश्चितता और मौसम जनित आपूर्ति संकट महंगाई के लिए जोखिम बने रहेंगे। वहीं, सरकार को उम्मीद है कि 2025 में सामान्य से बेहतर मानसून मिलेगा, जिससे कृषि उत्पादन और मांग में सुधार होगा।
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