भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया मॉस्को यात्रा के बाद भारत रूस के लिए अपने निर्यात बढ़ाने के तरीके तलाश रहा है। इसमें रुपया-रूबल व्यापार को प्रोत्साहित करना और गैर-टैरिफ बाधाओं को हटाने के लिए रूस को प्रेरित करना शामिल है।
भारत और रूस पुराने व्यापारिक साझेदार रहे हैं। 2022 की शुरुआत में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद दोनों के बीच व्यापार में वृद्धि हुई है। हालांकि यह वृद्धि एकतरफा ही रही है। इसमें रूसी तेल खरीद का बडा हिस्सा रहा है, जो यूरोप में उसके पारंपरिक ग्राहकों द्वारा न खरीदे जाने से बच गया था।
मार्च में समाप्त हुए पिछले वित्त वर्ष में दोनों देशों के बीच 65.7 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था। इसमें से 61.43 अरब डॉलर भारत में बढ़ा रूसी निर्यात था। एक साल पहले की तुलना में दोनों देशों के बीच व्यापार में एक तिहाई की वृद्धि हुई। रूस को भारत के फार्मास्यूटिकल्स, मशीनरी और अन्य सामानों के निर्यात लगभग जस का तस है।
व्यापार सचिव सुनील बर्थवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने रूस से समुद्री खाद्य उत्पादों के भारतीय निर्यात पर गैर-शुल्क बाधाओं में बदलाव पर विचार करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि भारत रुपया-रूबल व्यापार को भी प्रोत्साहित कर रहा है। इस सिलसिले में जल्द ही एक व्यापार प्रतिनिधिमंडल भेजा जाएगा।
व्यापार सचिव बर्थवाल ने कहा कि हम यह देख रहे हैं कि दोनों देश बेहतर व्यापारिक संबंधों से कैसे लाभ उठा सकते हैं। हम निर्यात के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग सामान और अन्य वस्तुओं पर विचार कर रहे हैं।
यूक्रेन युद्ध के कारण रूसी संस्थाओं पर प्रतिबंध की वजह से नई दिल्ली और मॉस्को रूबल और रुपये में अधिक से अधिक व्यापार करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन इसमें बहुत ज्यादा प्रगति नहीं हुई है क्योंकि भारतीय मुद्रा दुनिया में ज्यादा चलन में नहीं है और रूस इसे इकट्ठा नहीं करना चाहता।
रूस और भारत ने परमाणु ऊर्जा से लेकर मेडिकल तक सहयोग बढ़ाने के नौ प्रमुख क्षेत्रों को रेखांकित किया है। उनका उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाना है।
अमेरिका ने रूस के साथ घनिष्ठ संबंध रखने के लिए भारत की आलोचना की है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा था कि हमने भारत के रूस से संबंधों को लेकर अपनी चिंताएं सीधे नई दिल्ली को स्पष्ट कर दी हैं।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login